बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले (Ranjeet Singh Murder Case) में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में मंगलवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) की सजा के आदेश को 18 अक्टूबर तक टाल दी है। राम रहीम सहित 5 लोगों को हाल ही में 2002 में पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या की साजिश का दोषी ठहराया गया था।
मंगलवार को सजा पर सुनवाई के मद्देनजर पंचकूला तथा सिरसा में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। दोषियों में गुरमीत राम रहीम के अलावा किशन लाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल शामिल हैं। हत्या मामले में एक और आरोपी की एक साल पहले मौत ही हो गई थी।
सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने अभियोजन और बचाव पक्ष के के वकीलों के बीच चली बहस सुनने के बाद सजा के आदेश को 18 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया। दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के मामले में 2017 में दोषी ठहराए जाने के बाद से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ा था।
पंचकूला की अदालत के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। रणजीत हत्याकांड मामले में गत 8 अक्टूबर को डेरा प्रमुख और कृष्ण कुमार को अदालत ने आईपीसी की धारा 302, 120बी के तहत दोषी करार दिया था। अवतार, सबदिल और जसवीर को आईपीसी की धारा 302 तथा 120 बी और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया।
बता दें कि, हाल में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रणजीत सिंह हत्या मामले को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट से पंजाब, हरियाणा या चंडीगढ़ में किसी अन्य विशेष सीबीआई अदालत में ट्रांसफर करने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी थी।
पूर्व डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक अज्ञात पत्र प्रसारित करने में संदिग्ध भूमिका के चलते उसकी हत्या की गई थी। इस पत्र में बताया गया था कि डेरा प्रमुख डेरा मुख्यालय में किस प्रकार महिलाओं का यौन शोषण करता है।
सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, डेरा प्रमुख राम रहीम को शक था कि इस अज्ञात पत्र को प्रसारित करने के पीछे रणजीत सिंह था और उसने उसकी हत्या की साजिश रची। गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के जुर्म में 20 साल जेल की सजा सुनायी गई और वह अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। दो साल पहले डेरा प्रमुख को एक पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या के जुर्म में भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।