देवास मे पिछले दिनों एक डिप्टी कलेक्टर त्रिलोचन सिंह के बड़े सरकारी बंगले को देखकर चोर घुस गए थे लेकिन जब उन्हें बंगले में ज्यादा माल नहीं मिला तो वे झल्ला गए। वहीं, पुलिस सरकारी अफसर के यहां हुई चोरी व चोरों द्वारा लिखकर छोड़े गए संदेश की वजह से जांच में जुट गई। पुराने गिरोहों के बदमाशों से पूछताछ में डिप्टी कलेक्टर के यहां चोरी करने वाले पुलिस के हाथ लग गए और उन्होंने जो कहा उसमें उनकी साफगोई दिखाई दी। चोरों ने पुलिस को बताया कि जब ज्यादा माल नहीं मिला तो उन्हें गुस्से में अधिकारी को संदेश देने के लिए लिखना पड़ा कि जब पैसे नहीं है तो लॉक नहीं करना चाहिए।
देवास जिले के डिप्टी कलेक्टर त्रिलोचन सिंह की जिला मुख्यालय में पदस्थापना नहीं लेकिन उनका सरकारी निवास शहर में है। वहां वे कभी कभार आते हैं और अक्सर बंगला सूना पड़ा रहता है। सूने बंगले को देखकर बिहारीगंज के प्रकाश उर्फ गंजा ने कुंदन ठाकुर और उसके राधेश्याम जायसवाल उर्फ छोटू के साथ मिलकर धावा बोला था। ये लोग नशे के आदी थे और चोरी कर नशे के लिए राशि जुटाते हैं।
हिरासत में आने पर खुलासा
प्रकाश, कुंदन और राधेश्याम ने डिप्टी कलेक्टर के बड़े बंगले में प्रवेश किया। बंगले में बड़ी राशि मिलने की उम्मीद थी लेकिन जब वहां मात्र कुछ हजार रुपए और बर्तन के नाम पर गिलास मिला तो उनका गुस्सा चौथे आसमान पर पहुंच गया। कुंदन और छोटू ने पुलिस की हिरासत में आने पर यह बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि जब अधिकारी के पास रूपए नहीं थे तो लॉक ही नहीं लगाना था। इसलिए उन्होंने बंगले से ही कागज व पेन लिया और पर्चे में लिख दिया जिससे अधिकारी तक उनकी बात पहुंच जाए। बताया जाता है कि पकड़े गए कुंदन व छोटू के खिलाफ पहले से ही अपराध दर्ज हैं।