मध्य प्रदेश में बिजली संकट अब सियासी रंग पकड़ने लगा है। एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरते हुए सवालों की बौछार कर दी है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को ट्वीट फटकारने वाला नेता बताते हुए कहा है कि उन्हें जनता की समस्या से कुछ लेना देना नहीं है। इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने बिजली समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन भी दिया है।
पूछे हैं कई सवाल
इससे पहले कमलनाथ ने टि्वटर पर लिखा है कि शिवराज जी, मुझे उम्मीद थी कि कोयला संकट ,बिजली संकट पर आप मेरे पूछे सवालों के जवाब जरूर देंगे। लेकिन आज भी आपने उनका जवाब तो नही दिया उल्टा आपने झूठ परोसते हुए कहा कि प्रदेश में कोयले का, बिजली का कोई संकट नहीं है। कमलनाथ ने आगे लिखा कि शिवराज जी, आप प्रदेश के मुखिया होकर जिम्मेदार पद पर हैं, आपको तो प्रदेश की वास्तविक स्थिति का पता होना चाहिए। आज प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों में कितने कोयला का स्टॉक होना चाहिए , कितना वर्तमान में उपलब्ध है। यह कितने दिन चलेगा, इन्हें कितने कोयले की जरूरत है। कुल कितना भुगतान बाकी है। ऐसे ही कई सवाल कमलनाथ ने वर्तमान सरकार से पूछे हैं।
सीएम बोले, कांग्रेस समस्या आने पर खुश होती है
वहीं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मप्र में बिजली संकट की स्थिति से इंकार किया। उन्होंने कहा कि अगर समस्या है तो हम लोग समाधान की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा कार्यालय मे मंगलवार को मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को जनता के संकट से कोई लेना देना नहीं है। उनकी दृष्टि तो ऐसी रहती है कि कहां कोई गड़बड़ मिल जाए, ढू़ंढते रहते हैं। अगर कहीं घटना हो जाए, पानी या किसी अन्य कारण से कोयला खदान में पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं हो पाए तो वो खुश होते हैं। उनको जनता के संकट से लेना देना नहीं है, वो तो सिर्फ ट्वीट फटकारते रहते हैं। वो ट्वीट की राजनीति करते हैं और आनंदित होते हैं, लेकिन जनता सब कुछ समझ चुकी है।