गौतमबुद्ध नगर के जेवर कस्बे के एक गांव में चार युवकों ने रविवार को हथियार के बल पर दलित महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। सभी आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। वहीं महिला की हालत गंभीर है और उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। पीड़िता के पति ने थाने में एक नामजद सहित चार युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
जेवर के एक गांव में रहने वाली 55 वर्षीय दलित महिला प्रतिदिन की तरह रविवार सुबह 10 बजे अपने पशुओं के लिए खेत से चारा लेने गई थी। इसी दौरान वहां चार युवक आए और हथियार के बल पर महिला को जबरन जंगल में ले गए।
चारों युवकों ने महिला को गोली मारने की धमकी देते हुए गैंगरेप किया। आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद किसी को न बताने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए। पीड़ित महिला किसी तरह अपने घर पहुंची और उसने आपबीती अपने परिजनों को बताई। परिजनों ने महिला को नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
पीड़िता के पति ने एक नामजद सहित तीन अज्ञात युवकों पर गैंगरेप, जातिसूचक शब्द, जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए जेवर कोतवाली तहरीर दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस टीम ने कई स्थानों पर दबिश दी
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक उमेश बहादुर सिंह का कहना है कि पीड़िता के पति की शिकायत पर एक नामजद समेत तीनों अज्ञात युवकों के खिलाफ गैंगरेप समेत एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस टीम आरोपियों के कई स्थानों पर दबिश दे रही है। आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
महिला से माफी मांगने का वीडियो हुआ वायरल
जेवर (सं.) | वहीं, एक दूसरे मामले में दुष्कर्म के एक आरोपी ने एक अधिकारी के सामने पीड़िता महिला से माफी मांगी। हालांकि, महिला ने इसे ठुकरा दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। महिला ने अधिकारी पर भी समझौते के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
महिला ने करीब चार वर्ष पहले घर में घुसकर मारपीट कर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था, जिसका मामला वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। पीड़िता ने बताया कि उसके पास एक अधिकारी का फोन आया था। उन्होंने उसे टप्पल रोड जेवर स्थित निजी अस्पताल में बुलाया था। जहां आरोपी पहले से बैठा हुआ था। उसने अधिकारी के सामने महिला के पैर पकड़कर गलती की माफी मांगी। पीड़िता ने आरोपी की माफी को ठुकरा दिया। आरोप है कि उसके बाद अधिकारी ने भी महिला पर फैसले का दबाव बनाया, मगर पीड़िता ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। पीड़िता का कहना है कि आरोपी से उसे खतरा है।
पीड़िता का आरोप है कि अधिकारी ने आश्वासन दिया था कि उसके मकान की ओर जाने वाला रास्ता कच्चा है जिस पर इंटरलॉकिंग टाइल बिछा दी जाएगी। आरोपी से फैसला नहीं करने पर अधिकारी ने टाइल लगाने से इनकार कर दिया।