राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के इलाको में डेंगू का डंक तेजी से बढ़ता जा रहा है। दिन-प्रतिदन बढ़ते मामलों ने नगर निगमों और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। अकेले गाजियाबाद में जहां अभी तक दो हजार जगहों पर डेंगू का लार्वा मिल चुका है। वहीं, दिल्ली में इस सीजन में डेंगू के कम से कम 480 मामले सामने आए हैं, जिनमें करीब 140 मामले अक्टूबर में मिले हैं। 2 अक्टूबर तक यहां कुल मामलों की संख्या 341 थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस साल अब तक दिल्ली में डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है।
गाजियाबाद जिले में अभी तक लगभग दो हजार जगह पर डेंगू का लार्वा मिल चुका है। इसको लेकर अधिकारी काफी चिंतित हैं। इसमें सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र गोविंदपुरम, हरसांव गांव और इंदिरापुरम है। जिला संक्रामक रोग अधिकारी डॉ. आर.के. गुप्ता ने बताया कि सितंबर माह से ही सभी क्षेत्रों में डेंगू के लार्वा की जांच की जा रही है। रोजाना लगभग 40 से 50 जगहों पर लार्वा मिलता है। इसमें संबंधित भवन स्वामी के खिलाफ नोटिस जारी किया जाता है। साथ ही विभाग द्वारा मौजूद लार्वा को नष्ट करके, दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि एक स्थान से लगभग 50 से 100 मकानों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बन सकता है। डेंगू का मच्छर आसपास के क्षेत्रों में संक्रमण फैला सकता है, इसलिए लोगों को निरंतर सफाई और पानी के जल जमाव न होने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए आरडब्लूए और ग्राम पंचायतों की भी मदद ली जा रही है।
दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे मरीज
अगर दिल्ली की बात करें तो पिछले एक हफ्ते में करीब 140 नए मामले सामने आए हैं। इस साल दिल्ली में डेंगू के कुल मामलों में से इस महीने 9 अक्टूबर तक 139 मामले सामने आए हैं। वहीं, सितंबर में 217 मामले दर्ज किए गए थे, जो पिछले तीन वर्षों में इस महीने की सबसे अधिक संख्या है।
मच्छर जनित बीमारियों (Vector-Borne Diseases) पर नगर निगम की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन में 9 अक्टूबर तक कुल 480 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2018 के बाद से इसी अवधि में सबसे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में 72 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि, इस साल अब तक शहर में डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में 1 जनवरी से 9 अक्टूबर की अवधि में दर्ज मामलों की संख्या 316 (2020), 467 (2019) और 830 (2018) थी।
दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों के आंकड़ों का रिकॉर्ड रखने वाली नोडल एजेंसी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के पूरे वर्ष में कुल 1,072 मामले और एक मौत दर्ज की गई थी।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग द्वारा 22 सितंबर को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल सितंबर के पूरे महीने में डेंगू के 188 मामले और 2019 में 190 मामले सामने आए थे। वहीं, पहले के वर्षों में 374 (2018), 1103 (2017), 1,362 (2016) और 6,775 (2015) मामले सामने आए थे।
डेंगू के मच्छर साफ, जमा हुए पानी में पनपते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। मच्छर जनित बीमारियों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच रिपोर्ट किए जाते हैं, लेकिन यह अवधि दिसंबर के मध्य तक बढ़ सकती है। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 9 अक्टूबर तक मलेरिया के 127 और चिकनगुनिया के 62 मामले भी सामने आए हैं। दिल्ली में नगर निगमों ने मच्छर जनित रोगों के प्रकोप को रोकने के लिए अपने उपाय तेज कर दिए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, डेंगू के मामलों का माहवार आंकड़े इस प्रकार हैं- जनवरी (0), फरवरी (2), मार्च (5), अप्रैल (10) और मई (12), जून (7) और जुलाई (16) है। वहीं, पिछले वर्षों में कुल डेंगू के मामले 4,431 (2016), 4,726 (2017), 2,798 (2018), 2,036 (2019) और 1,072 (2020) थे।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सितंबर की शुरुआत में संवाददाताओं से कहा था कि दिल्ली सरकार सतर्क है और डेंगू के मामलों के मद्देनजर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने हाल ही में यह भी कहा था कि सरकार का डेंगू विरोधी अभियान, ’10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट’ इसकी रोकथाम पर जागरूकता बढ़ाने के लिए पिछले कई हफ्तों से चल रहा था, और इसे और तेज किया जाएगा।