दिल्ली सरकार ने माता-पिता का शोषण कर शिक्षा का व्यवसायीकरण और मुनाफाखोरी करने के लिए मनमाने ढंग से फीस वृद्धि करने को लेकर पीतमपुरा के एक बड़े निजी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी।
सरकार ने शुक्रवार को बाल भारती स्कूल (Bal Bharti School) को 2022 में नए शैक्षणिक सत्र से कोई भी प्रवेश लेने से रोक दिया है और कहा है कि स्कूल को मौजूदा सत्र को पूरा करने की अनुमति दी जाएगी।
अगले सत्र से वर्तमान छात्रों को अभिभावकों की सहमति से पास के मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा और पहले से भुगतान की गई फीस को एडजस्ट किया जाएगा। इस बारे में स्कूल का पक्ष जानने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल को की गई कॉल और टेक्स्ट मैसेज का कोई जवाब नहीं मिला।
डीओई ने एक आधिकारिक आदेश में कहा कि बाल भारती पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा, दिल्ली की ओर से शिक्षा निदेशालय के कानूनी निर्देशों का निरंतर उल्लंघन यह बताता है कि स्कूल डीएसईएआर, 1973 के प्रावधानों के अनुसार काम नहीं कर रहा है, विभाग द्वारा समय-समय पर गाइडलाइंस और दिशानिर्देश और जारी किए गए हैं।
आदेश में आगे कहा गया कि मान्यता की शर्त का पालन करने में इस घोर विफलता के परिणामस्वरूप स्कूल द्वारा माता-पिता का निरंतर उत्पीड़न और शोषण हुआ है और अनुचित और अवैध रूप से बढ़ी हुई फीस वसूल कर अभिभावकों का शोषण करके शिक्षा की मुनाफाखोरी और व्यावसायीकरण में लिप्त है। इस प्रकार स्कूल को आगे जारी नहीं रखा जाना चाहिए क्योंकि मान्यता प्राप्त है, इसलिए मान्यता वापस लेने के लिए उत्तरदायी है।
मान्यता वापस लेने की शर्तों को ध्यान में रखते हुए, डीओई ने कहा कि स्कूल को सत्र 2021-22 को मान्यता के साथ पूरा करने की अनुमति दी जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि सत्र के समापन के बाद स्कूल के सभी छात्रों को माता-पिता की सहमति से चाइल्ड एजुकेशन सोसाइटी (Regd) द्वारा संचालित नजदीकी मान्यता प्राप्त स्कूलों में या पास के सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया जाएगा। पहले से भुगतान की गई फीस, तदनुसार समायोजित होगी।
इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया गया है कि स्कूल 2022-23 सत्र से कोई प्रवेश नहीं लेगा। स्कूल के सभी कर्मचारियों (शिक्षण, गैर-शिक्षण और अन्य) को चाइल्ड एजुकेशन सोसाइटी द्वारा दिल्ली के एनसीटी के अधिकार क्षेत्र के भीतर अपने अन्य मान्यता प्राप्त स्कूलों में एडजस्ट किया जाएगा।
विभाग ने कहा कि सोसायटी अब से सभी उद्देश्यों के लिए बाल भारती पब्लिक स्कूल के सभी रिकॉर्ड्स की संरक्षक होगी और मांगे जाने पर डीओई या किसी अन्य प्राधिकरण के समक्ष इसे प्रस्तुत करने के लिए बाध्य होगी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जुलाई में घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार रोहिणी में एक निजी स्कूल द्वारा कथित मनमानी फीस वृद्धि के कारण उसका प्रबंधन अपने हाथ में लेगी और उपराज्यपाल कार्यालय से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करेगी।