महाराष्ट्र के आतंक रोधी दस्ते यानी ATS ने एक और संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है। संदिग्ध इरफान शेख को गुरुवार को ही विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। इरफान से पहले भी एटीएस ने दो संदिग्धों जाकिर हुसैन शेख और रिजवान मोमिन को गिरफ्तार किया था। दोनों को ही अदालत ने 4 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जाकिर को एटीएस ने 18 सितंबर को गिरफ्तार किया था, जबकि मोमिन को 19 तारीख को उसके मुंब्रा स्थित घर से गिरफ्तार किया गया था। दोनों के खिलाफ UAPA एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
जाकिर और मोमिन को एटीएस ने दिल्ली पुलिस की ओर से टेरर मॉड्यूल का भंडोफोड़ किए जाने के बाद गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने उस दौरान जान मोहम्मद शेख समेत 5 लोगों को दिल्ली, यूपी और राजस्थान से गिरफ्तार किया था। इन सभी लोगों को 14 सितंबर को गिरफ्तार करने के बाद अदालत में पेश किया गया था। महाराष्ट्र एटीएस की ओर से इरफान से पहले गिरफ्तार दो संदिग्धों को फिलहाल पुलिस हिरासत में रखा गया है। शुरुआती रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें 20 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया था, जिस पर अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
एटीएस के एक अधिकारी ने इरफान की गिरफ्तारी को लेकर बताया कि शेख और मोमिन के कॉल रिकॉर्ड एवं अन्य दस्तावेजों की जांच की गई थी। इसमें पता चला कि इरफान इन दोनों से ही लगातार टच में रहता था। ऐसे में हमें संदेह है कि उसके पास आतंकियों की हरकतों के बारे में अहम जानकारी हो सकती है। शेख और मोमिन को आपराधिक साजिश और टेरर एक्ट्स को अंजाम देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एटीएस का कहना है कि मोमिन को टेरर प्लान की पूरी जानकारी थी और उसने शेख का फोन तोड़कर नाले में फेंक दिया था। उस फोन को भी एटीएस ने रिकवर कर लिया है।
विदेशी हैंडलर के कहने पर काम कर रहा था जाकिर शेख
एटीएस ने बयान जारी कर बताया है कि जाकिर शेख किसी विदेशी हैंडलर के कहने पर काम कर रहा था। इस हैंडलर का नाम एंथनी उर्फ अनवर बताया जा रहा है। हालांकि एजेंसी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि आखिर इन संदिग्धों की प्लानिंग क्या थी।