पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सरस्वती शिशु मंदिर में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत के बीज बोये जाने के बयान पर अब घिरते नजर आ रहे हैं। भाजपा नेताओं के बयानों से हमले किए जाने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीजीपी को खत लिखा है। उसने मामले की सात दिन में जांच कर दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। बाल आयोग ने कहा है कि सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चों ने शिकायत की है कि पड़ोसी उन्हें दंगाई कह रहे हैं।
बच्चों ने कहा-स्कूल में खेलने जाते हैं, दंगा नहीं करते
बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष कानूनगो ने सोमवार को मध्य प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखा है। इसमें बताया गया है कि सरस्वती शिशु मंदिर के छात्रों ने उन्हें शिकायत की है कि सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा है कि सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले बच्चे नफरत का पाठ सीख कर दंगा करते हैं। इससे उन्हें आघात लगा है और प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उनके आसपास के बच्चे साथ खेलने, मेलजोल रखने से हिचकिचा रहे हैं। अब उन्हें दंगाई कह कर चिढ़ाया जा रहा है। वे स्कूल में पढ़ाई करने जाते हैं दंगा नहीं करते हैं।
सात दिन में मांगी है रिपोर्ट
आयोग ने दिग्विजय सिंह की टिप्पणी को प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए)(बी), 504 व 505 का उल्लंघन माना है। साथ ही किशोर न्याय अधिनियम की चार धाराओं और समानता व विभेद न किए जाने का सिद्धांत आदि का उल्लंघन बताया है। आयोग अध्यक्ष कानूनगो ने डीजीपी को लिखा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दिग्विजय सिंह के खिलाफ जांच कर सात दिन में स्थिति से अवगत कराने को कहा है।