केन्द्र सरकार के तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ (Bharat Bandh) के मद्देनजर राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पुलिस ने सुरक्षा का पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे 40 किसान संगठनों वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को लोगों बंद में शामिल होने की अपील की थी।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि बंद के मद्देनजर सोमवार को राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि शहर की सीमाओं पर तीन जगह प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों में से किसी को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एहतियातन की गई है और पूरी तरह सचेत हैं। दिल्ली में ‘भारत बंद’ का कोई आह्वान नहीं है, लेकिन हम घटनाक्रम पर ध्यान रख रहे हैं और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों से “लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों की रक्षा के लिए किसानों के साथ खड़े होने” की अपील की है।
इस ऐतिहासिक संघर्ष के दस महीने पूरे होने पर एसकेएम ने किसान विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ सोमवार (27 सितंबर) को ‘भारत बंद’ के रूप में मनाने का आह्वान किया है।
किसान मोर्चा ने हाल ही में एक बयान में कहा था, “एसकेएम प्रत्येक भारतीय से इस राष्ट्रव्यापी आंदोलन में शामिल होने और ‘भारत बंद’ को एक शानदार सफलता बनाने की अपील करता है। विशेष रूप से हम श्रमिकों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों, छात्रों, युवाओं और महिलाओं के सभी संगठनों और सभी सामाजिक आंदोलनों से अपील करते हैं कि उस दिन किसानों के साथ एकजुटता बढ़ाएं।”
मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक के लिए किया गया है। इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम बंद रहेंगे। हालांकि अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठानों और आवश्यक सेवाओं और व्यक्तिगत आपात स्थितियों में भाग लेने वाले लोगों को को बंद से बाहर रखा गया है।
गौरतलब है कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों को डर है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर दिया जाएगा। उन्हें बड़े कॉर्पोरेट सेक्टर की दया पर छोड़ दिया। हालांकि, सरकार तीन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है।