कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के पास बीजेपी नेता धुरजाती साहा के शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन कर रहे पार्टी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, प्रियंका टिबरेवाल समेत कई नेताओं के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज हुआ है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई भी हुई। दरअसल चुनावी हिंसा के दौरान बीजेपी नेता धुरजाती साहा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद अस्पताल में बीते बुधवार को उनकी मौत हुई।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का चेहरा जनता के सामने बेनकाब हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के कार्यकर्ता कालीघाट क्षेत्र में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने पहले उनके साथ हाथापाई की फिर उनके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज किया। समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से मजूमदार ने बयान जारी करते हुए कहा कि कालीघाट पुलिस स्टेशन में सुकांत मजूमदार, अर्जुन सिंह, ज्योतिर्मय सिंह महतो और प्रियंका टिबरेवाल सहित पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वहीं, पीटीआई समाचार एजेंसी को दिए अपने बयान में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ता धुरजाती साहा के अंतिम संस्कार के लिए अपने पार्टी कार्यालय से श्मशान घाट जा रहे थे, जब फूलों से लदा वाहन अचानक हरीश चटर्जी स्ट्रीट के एक हिस्से में चक्कर लगाने लगा तो पुलिसकर्मियों ने रथ को आगे बढ़ाया। इससे नाराज बीजेपी कार्यकर्ता कालीमठ में मुख्यमंत्री आवास के सामने सड़क के बीचों-बीच धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।
मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए शव यात्रा बाधित कर सरकारी कार्य में खलल डालने के आरोप में भवानीपुर उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल, विधायक अर्जुन सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी नेता की मौत की जांच करने और हत्यारों को पकड़ने के बजाय सरकार शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।