दुष्कर्म के मामले में आरोपी लोक जनशक्ति पार्टी सांसद प्रिंस राज की अग्रिम जमानत याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढल की अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष की जिरह सुनने के बाद जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है।
दिल्ली पुलिस ने सांसद की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इस मामले में पीड़िता ने सांसद पर अश्लील वीडियो बनाने व उसे वायरल करने की धमकी देने का आरोप लगाया है। ऐसे में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता है।
वहीं, आरोपी की तरफ से कहा गया कि वह एक चयनित जनप्रतिनिधि हैं। उन्हें सरकारी आवास मिला हुआ है। जो भी व्यक्ति उनके आवास पर आता है। उसके प्रवेश को रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। जबकि शिकायतकर्ता के आरोपी सांसद के घर पर जाने को लेकर कोई एंट्री दर्ज नहीं है।
बचाव पक्ष का यह भी कहना है कि शिकायतकर्ता महिला एवं उसके पुरुष साथी सांसद प्रिंस राज को ब्लैकमेल कर रहे थे। झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर अवैध वसूली कर रहे थे। इस बाबत सांसद ने बीती 10 फरवरी को महिला एवं उसके पुरुष साथी के खिलाफ ससंद मार्ग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इस मामले में महिला एवं उसके पुरुष साथी को अग्रिम जमानत मिल गई थी। वहीं, शिकायतकर्ता महिला ने सांसद के खिलाफ मई महीने में दुष्कर्म समेत अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है। इस बाबत अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।