नई आबकारी नीति को लागू करने में हो रही देरी के कारण दिल्ली में एक अक्टूबर से 16 नवंबर तक 477 दुकानों पर शराब नहीं बिक सकेगी। इस कारण से दिल्ली में एक अक्टूबर से 16 तक दिल्ली में शराब की किल्लत होने वाली है। शराब के शौकीनों को शराब पीने में न हो परेशानी इसके लिए एक्साइज विभाग ने मौजूदा सभी कंपनी के डिस्ट्रिब्यूटरों से शराब और बीयर के स्टॉक का ब्योरा मांगा है।
दूसरी तरफ नई आबकारी नीति को लागू करने में हो रही देरी के कारण शराब की होने वाली किल्लतों पर शराब की कालाबाजारी करने वाले का भी नजर है। इस दौरान शराब माफिया शराब की जमाखोरी कर शराब की कमी का फायदा उठाकर मोटी कमाई करने के फिराक में है।
शराब की किल्लत रोकने के लिए बैकअप प्लान कर रही है तैयार
नई आबकारी नीति को प्रक्रिया लागू होने तक दिल्ली में 1 अक्टूबर से शराब की दुकानों पर शराब की किल्लत न हो इसके लिए एक्साइज डिपार्टमेंट ने बैकअप प्लान अभी से ही तैयार करने में जुट गई है। दिल्ली में एक अक्टूबर से 16 नवंबर तक 372 शराब की दुकानों पर ही शराब बेचने की इजाजत होगी। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत एक अक्टूबर से 260 प्राइवेट शराब की दुकानों को बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली में अब शराब की नई 849 दुकानें 17 नवंबर से अपनी सेवाएं देना शुरू कर देंगी।
शराब की सप्लाई कैसे हो नहीं किया गया था विभाग द्वारा प्लान
एक्ससाइज विभाग एक अक्टूबर से 47 दिनों के लिए प्लान तो तैयार करने में तो लग गई है, लेकिन यह कवायद का असर कितना होगा इसका असर आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति तो लागू करने जा रही है पर इन नई नीति को लागू करने के दौरान के बीच के समय शराब की शराब सप्लाई कैसे किया जाए, इसका कोई प्लान तैयार नहीं किया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि शराब माफिया इस अवसर का जमकर फायदा उठाएगा।
शराब की प्राइवेट 260 दुकानें हो जाएंगी बंद
बता दें कि दिल्ली में एक अक्टूबर से शराब की प्राइवेट 260 दुकानें बंद हो जाएंगी, सिर्फ 372 सरकारी शराब की दुकानों पर ही ग्राहक शराब और बीयर खरीद सकेंगे। इसे लेकर एक्साइज विभाग ने सभी होलसेलरों को अगले चार महीने का स्टॉक वैसे ही मेंटेन करने के आदेश दिए है। अब सभी होलसेलरों को अगले चार माह तक शराब के स्टॉक का पूर्ववत मेंटेन करना अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही एक्साइज विभाग ने होलसेलरों को हिदायत दी है कि शराब के स्टॉक में किसी भी तरह की कमी न करें जिससे शराब की किल्लत हो और इसका फायदा शराब माफिया उठा सके। इसके साथ ही एक्साइज विभाग यह भी सुनिश्चित करने में लगी है कि डिमांड और सप्लाई में कितना गैप रहा। डिस्ट्रिब्यूटर्स के पास शराब और बीयर के पर्याप्त स्टॉक है भी या नहीं?