बाबुल सुप्रियो के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है, अभी कई और भी लोग आएंगे। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कई नेता टीएमसी नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे हैं। वो लोग बीजेपी के साथ संतुष्ट नहीं है। आज बाबुल सुप्रियो आए हैं कल और आएंगे। वो बीजेपी के साथ खुश नहीं हैं। यह प्रक्रिया जारी रहेगी। इंतजार कीजिए और देखते जाइए। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीजेपी एक बैलून की तरह है। बीजेपी के पास कोई सोच नहीं है। उनकी एंटी-पीपुल नीति से सभी परेशान हैं औऱ कोई भी उनके साथ नहीं रहना चाहता है। इसलिए वो पार्टी छोड़ रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटाए जाने के बाद कई हफ्तों तक कभी नरम तो कभी गरम तेवर दिखाने वाले भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थामकर लोगों को चौंका दिया। आसनसोल संसदीय सीट से दो बार के सांसद सुप्रियो ने पूर्व में कहा था कि वह राजनीति छोड़ देंगे। हालांकि, भाजपा नेतृत्व ने बाद में उन्हें लोकसभा का सदस्य बने रहने के लिये मना लिया था।
गायिकी से सियासत का रुख करने वाले सुप्रियो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सदस्य व प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हुए। टीएमसी ने ट्वीट किया, ‘आज, राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन की उपस्थिति में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो तृणमूल परिवार में शामिल हो गए। हम इस अवसर पर उनका बेहद गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।’ भाजपा जैसे दल में कई लोगों के विपरीत, सुप्रियो ने जुलाई में लंबे समय से प्रतीक्षित फेरबदल के दौरान केंद्र सरकार से हटाए जाने पर अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से जाहिर की थी। संयोग से यह मार्च-अप्रैल में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टॉलीगंज में उनकी हार के बाद हुआ था।
उस संभावना को लेकर भी अटकलें लग रही हैं कि सुप्रियो को हाल में टीएमसी सदस्य अर्पिता घोष द्वारा खाली की गई सीट से राज्यसभा भेजा जा सकता है। घोष ने हाल में इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह पार्टी संगठन के लिये काम करना चाहती हैं। बमुश्किल 10 मिनट चले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सुप्रियो ने कहा कि वह टीएमसी में शामिल होने को लेकर उत्साहित हैं और पश्चिम बंगाल के विकास को लेकर काम करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘जब मैंने दो महीने पहले कहा था कि मैं राजनीति छोड़ना चाहता हूं तो मैं इसे लेकर गंभीर था। यह नया घटनाक्रम बीते दो-तीन दिनों में हुआ। इसलिए, यह नया अवसर मिलने के बाद, मैंने अपना विचार बदलने का फैसला किया।’