सिख रेजिमेंट के एक जवान के लिए सेना के कोर्ट मार्शल ने पांच साल के जेल की सजा की सिफारिश की है। जवान अपने एक साथ की 11 साल की बेटी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का दोषी पाया गया है। सेना से उसे बर्खास्त कर दिया गया है। सिख रेजिमेंट का यह जवान राजस्थान के रेगिस्तानी सेक्टर में तैनात है और उसने पिछले साल सितंबर में कथित अपराध को अंजाम दिया था।
सेना के सूत्रों ने कहा, “जनरल कोर्ट मार्शल ने 5 सितंबर को यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम अधिनियम की धारा 10 के तहत सैनिक के रैंक में कटौती, 5 साल के कठोर कारावास और सेवा से बर्खास्तगी की सजा दी है।”
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील अक्षित आनंद ने सिपाही के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी। उन्होंने बताया कि 16 रैपिड कमांडरों ने कोर्ट-मार्शल बुलाई थी और पीड़िता और उसके परिवार के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक साल के भीतर मामले को खत्म कर दिया।
भारतीय सेना नेतृत्व ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि नाबालिगों के खिलाफ यौन दुराचार और हमले के ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाए और कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी की जाए।