नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व एमएलसी त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या सिर में गोली मारकर की गई थी। इस बात के संकेत पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में मिले हैं। हालांकि, अभी तक यह बात पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो सकी है कि गोली किसने और क्यों मारी? फिलहाल, पुलिस वारदात के प्रमुख संदिग्धों हरप्रीत सिंह और हरमीत की तलाश में जुटी है। इस काम में पुलिस की कुल 12 टीमें लगातार दिल्ली-एनसीआर और बाहर के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो त्रिलोचन सिंह वजीर के शव के पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में सिर में गोली मारने की बात सामने आई है। हालांकि, यह गुत्थी अब भी बरकरार है कि वजीर को गोली किसने और क्यों मारी? मामले में पुलिस के सामने फिलहाल दो प्रमुख संदिग्ध हरप्रीत और हरमीत हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं। इनमें से सात टीमें दिल्ली-एनसीआर में जांच कर रही हैं। वहीं, पांच टीम को जम्मू-कश्मीर, अमृतसर सहित अन्य स्थानों पर भेजा गया है। ये टीमें सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल फोन की लोकेशन और संदिग्धों के नंबर के संपर्क में रहने वाले लोगों के जरिए इनके संभावित ठिकानों का पता लगाकर लगातार छापेमारी कर रही हैं।
गर्लफ्रेंड समेत तीन लोगों से पूछताछ
क्राइम ब्रांच ने अब तक इस मामले में मुख्य संदिग्ध हरप्रीत की गर्लफ्रेंड समेत तीन लोगों से पूछताछ की है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और दोनों आरोपियों के फोन की सीडीआर की जांच के साथ इस हत्याकांड की एक-एक कड़ी को जोड़ने का प्रयास कर रही है, ताकि घटनाक्रम पता चल सके।
लगातार बहन के संपर्क में था मुख्य संदिग्ध
मामले में मुख्य संदिग्ध हरप्रीत वारदात के बाद लगातार जम्मू में रहने वाली अपनी बहन के संपर्क में था। तकनीकी जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद पुलिस की दो टीमें जम्मू में हरप्रीत की बहन का पता लगाने में जुटी हैं। हालांकि, अभी तक उसकी बहन के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।
फ्लैट के पास ही होटल में कमरा बुक किया था
क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, अब तक की जांच में सामने आए तथ्यों के हिसाब से त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या दो सितंबर को ही गोली मारकर कर दी गई थी। वजीर की हत्या के बाद भी हरप्रीत सात सितंबर तक मोती नगर स्थित फ्लैट में रहा था। इस वारदात में हरप्रीत के साथ ही उसके साथी हरमीत के भी शामिल होने का शक है। जांच में पता चला है कि हरमीत ने दो सितंबर से सात सितंबर तक फ्लैट के पास ही एक होटल में रूम बुक कराया हुआ था।
साजिश के तहत अंजाम दी वारदात
हरप्रीत के फ्लैट के ठीक पास हरमीत के होटल में ठहरने की बात सामने आने के बाद पुलिस को इस हत्याकांड को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिए जाने का शक है। माना जा रहा है कि पहले से ही किसी बात को लेकर अनबन रही होगी। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है।
एलओसी जारी करने की तैयारी
क्राइम ब्रांच की कई टीम दोनों संदिग्धों हरप्रीत और हरमीत की तलाश में जुटी हैं। पुलिस को अंदेशा है कि दोनों संदिग्ध विदेश भाग सकते हैं। ऐसे में क्राइम ब्रांच दोनों संदिग्धों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने की तैयारी में है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इसके लिए जरूरी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
जम्मू में हुआ अंतिम संस्कार, सीबीआई जांच की मांग
नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता टीएस वजीर का अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित हजारों लोग शामिल हुए। जम्मू-कश्मीर के विभिन्न संगठनों और नेताओं ने वजीर की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की है। 67 वर्षीय वजीर जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य थे। वह नामी ट्रांसपोर्टर थे और ऑल जम्मू-कश्मीर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन व जम्मू जिला गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीजीपीसी) के अध्यक्ष थे। वजीर का अंतिम संस्कार शास्त्री नगर श्मशान भूमि में किया गया। वजीर के अंतिम संस्कार में पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता, जम्मू-कश्मीर इकाई के कांग्रेस उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री रमण भल्ला आदि शामिल हुए। वहीं, कई ट्रांसपोर्टर और जम्मू डीजीपीसी सहित सिख संगठनों ने भी वजीर की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।