महराजगंज जिले में इन दिनों पूर्व विधायक के बेटे के मुर्गे की मौत की खबर सुर्खियों में है। इस खबर में सिन्दुरिया थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि थाना के दिवसाधिकारी ने पूर्व विधायक के बेटे की अर्जी को लौटाते हुए मरे मुर्गे का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। हंसते हुए कहा कि क्यों इधर-उधर दौड़ने में समय बर्बाद कर रहे हैं। मुर्गे का शव लेकर घर जाइए। इसको दफन कर दीजिए। अब मामला सुर्खियों में आने के बाद सिन्दुरिया एसओ उमेश कुमार का कहना है कि वह घटना के समय अवकाश पर थे। चार्ज वाले दरोगा वीआईपी ड्यूटी में गए हैं। उनके आने के बाद ही पता चल पाएगा कि मामला क्या है।
वर्ष 1977 में निर्दल चुने गए विधायक दुक्खी प्रसाद अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनका परिवार स्वतंत्रता सेनानी रहा है। बेटा राजकुमार भारती पशु-पक्षी प्रेमी हैं। वह अपने गांव सिन्दुरिया थानाक्षेत्र के पिपरा कल्याण में मुर्गा, खरगोश, तोता आदि पाल रखे हैं। नौ सिंतबर को उनके मुर्गा की मौत हो गई। इससे पूरा परिवार सदमें में आ गया। राजकुमार के मुताबिक मुर्गा ने उनके बेटे के सामने तड़प-तड़प कर दम तोड़ा। ड्यूटी से लौटने के बाद पूर्व विधायक के पुत्र मुर्गा का शव लेकर सिन्दुरिया थाना पहुंचे।
मुर्गे के मौत की राज का नहीं उठ पाया पर्दा
पूर्व विधायक पुत्र दुक्खी प्रसाद के पुत्र राजकुमार भारती ने बताया कि उनको अंदेशा था कि मुर्गे की मौत कोई जहरीला पदार्थ खिलाने से हुई थी। अज्ञात के नाम प्रार्थना पत्र लिख वह थाने पहुंचे। दरोगा से प्रार्थना पत्र देते हुए मांग कि सर इस मुर्गे का पोस्टमार्टम करा दीजिए। जिससे इसकी मौत की वजह स्पष्ट हो सके। अगर जहरीला पदार्थ से मौत हुई है तो जांच-पड़ताल कर कार्रवाई होनी चाहिए। पूर्व विधायक के पुत्र के मुताबिक दरोगा बात को हंसी में उड़ाते हुए लौटा दिया। एसओ सिंदुरिया उमेश कुमार ने बताया, मामले की जानकारी नहीं है। जिस दिन की घटना बताई जा रही है उस दिन मेरा अवकाश था। चार्ज वाले दरोगा वीआईपी ड्यूटी में गए हैं। उनके वापस लौटने के बाद ही पता चल पाया कि घटना क्या है।