क्वाड देशों के लगातार एक्टिव रहने से चीन बौखलाया रहता है। बता दें कि क्वाड देशों में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं। चीन इस बात से डरता रहा है कि ये चारों देश मिलकर उन्हें घेरने की तैयारी कर रहे हैं। चीन लगातार क्वाड समूह को नाटो और एशियाई नाटो बताता रहा है। चीन के उप विदेश मंत्री, लुओ झाओहुई ने एक दफ़ा मीडिया से बात करते हुए क्वाड को ‘चीन विरोधी फ्रंटलाइन’ या ‘मिनी-नाटो’ के रूप में बताया था। बता दें कि नाटो एक सैन्य गठबंधन है, जिसमें 30 यूरोपियन और नॉर्थ अमेरिकी देश शामिल हैं।
चीन द्वारा लगातार क्वाड ग्रुप को नाटो ग्रुप बताने पर भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने जवाब दे दिया है। 11 सितंबर को मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘क्वाड देश अपने और दुनिया के लाभ के लिए सहयोग करने के लिए एक साथ आए हैं। नाटो जैसा शब्द एक शीत युद्ध शब्द है, जो इतिहास की बात है। क्वाड भविष्य की बात करता है। यह वैश्वीकरण को दर्शाता है। क्वाड देश शिक्षा, कोरोना वायरस के टीके, सप्लाई चेंस, कनेक्टिविटी सहित कई और मसलों पर एक साथ काम कर रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि मुझे क्वाड का नाटो या उस तरह के किसी और ग्रुप के बीच किसी तरह का कोई संबंध नहीं नज़र आता। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि वास्तविकताओं को गलत तरीके से प्रस्तुत न किया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्वाड देशों की अगली बैठक 24 सितंबर को अमेरिका में होने जा रही है। इस मीटिंग में ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका के टॉप नेता भाग लेने वाले हैं। इस मीटिंग में कोरोना वायरस, अफगानिस्तान आदि पर प्रमुख तौर पर बातचीत होने की संभावना है। इससे पहले चारों देश मार्च 2021 में वर्चुअल बैठक में शामिल हुए थे जिसमें कोरोना वायरस, जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा आदि को लेकर बातचीत की थी।