मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्विटर पर छिड़े संग्राम में अब लोजपा के चिराग पासवान की एंट्री हुई है। योगी ने गुरुवार को ट्वीट कर लिखा था कि ‘हमने कैसा जीवन जिया, यह अहम होता है। उस पर पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा हमने कैसा जीवन जिया यह अहम नहीं। हमारी वजह से लोगों ने कैसा जीवन जिया, ये महत्वपूर्ण है।
चिराग ने अखिलेश का समर्थन करते हुए कहा कि यह ज्यादा जरूरी है कि लोग कितने खुश हैं और उनकी जिंदगी कितनी बेहतर हुई है। लोग संतुष्ट हैं तो आपका कार्यकाल बेहतर रहा है। यदि लोग संतुष्ट नहीं है तो जरूर प्रश्न उठता है। चिराग के जवाब के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। इससे पहले लगातार दो दिनों तक चिराग ने तेजस्वी और लालू यादव से मुलाकात की थी। हालांकि कहा था कि पिता रामविलास पासवान की बरसी पर होने वाले आयोजन में आमंत्रित करने के लिए आमंत्रित करने पहुंचे थे।
बिहार की जमुई से लोकसभा सांसद चिराग पासवास शुक्रवार को गाजीपुर में वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे थे। यहां उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की वैष्णो देवी यात्रा को लेकर कहा कि चुनाव के आसपास मंदिर दर्शन होते हैं। खैर यह उनकी आस्था का विषय है, जहां उनकी आस्था हो वहां वह जाएं।
दिल्ली स्थित अपने आवास पर पिता रामविलास पासवान की मूर्ति लगाए जाने पर चिराग ने कहा कि वो सिर्फ मेरे पिता नहीं थे। वो मेरे नेता और आदर्श थे, उनकी मूर्ति मैंने लगवाई है और ऐसा मैंने मकान कब्ज़ा करने के लिए नहीं किया है। मैं जहां रहूंगा उनकी मूर्ति लगवाउंगा और आने वाले समय में पूरे भारत में उनकी मूर्ति लगेगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष मणिशंकर पांडेय जी के नेतृत्व में हम बूथों तक पहुंच रहे हैं और पंचायतों में लगातार जनसम्पर्क कर रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारी पार्टी के कई कार्यक्रम पूरे उत्तर प्रदेश में होंगे।
मुख्तार अंसारी को बसपा से निकाले जाने पर चिराग ने कहा कि मायावती को जब जिसकी जरूरत होती है, उसे वो अपने साथ रखती हैं। बहरहाल यह उनकी पार्टी का मसला है कि किसे वह साथ रखती हैं या किसे नहीं रखती हैं।