राजधानी दिल्ली में इस साल अब तक डेंगू के कम से कम 124 मामले सामने आए हैं। नगर निगम की ओर से सोमवार को जारी की गयी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक जनवरी से चार सितंबर की अवधि के दौरान डेंगू के मामलों की संख्या 2018 के बाद से इस साल सबसे अधिक है। वर्ष 2018 में इसी अवधि के दौरान डेंगू के 137 मामले सामने आए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अगस्त महीने के दौरान ही दिल्ली में डेंगू के 72 मामले सामने आए, जोकि अब तक सामने आए कुल मामलों का 58 प्रतिशत है। सितंबर महीने के शुरुआती चार दिनों में डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया है। डेंगू के मच्छर साफ और स्थिर पानी में पैदा होते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। डेंगू के मामले आम तौर पर जुलाई से नवंबर के बीच सामने आते हैं, लेकिन यह अवधि दिसंबर के मध्य तक भी बढ़ सकती है। नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में चार सितंबर तक डेंगू के कम से कम 124 मामले सामने आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में इस वर्ष जनवरी में डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया जबकि फरवरी में दो, मार्च में पांच, अप्रैल में 10, मई में 12, जून में सात और जुलाई में 16 मामले सामने आए। पिछले वर्षों में इसी अवधि में डेंगू के मामलों की स्थिति इस प्रकार थी- 2016 में 771, 2017 में 829, 2018 में 137, 2019 में 122 और 2020 में 96 मामले सामने आए थे। हालांकि, दिल्ली में डेंगू से इस साल अब तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है।
नगर निगम की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 28 अगस्त तक मलेरिया के 57 मामले और चिकनगुनिया के 32 मामले भी सामने आ चुके हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगी राम जैन ने हाल ही में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम पर जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। उन्होंने सरकारी भवनों, स्कूलों, कार्यालयों, सामुदायिक भवनों और औषधालयों के परिसरों में मच्छरों के प्रजनन की नियमित जांच करने के भी निर्देश दिए।