बीते 2 सप्ताह में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 36 बच्चों समेत 51 लोगों की डेंगू से मौत के बाद अब मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक दर्जन से ज्यादा डेंगू मामले सामने आए हैं। ग्वालियर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनीष शर्मा ने एएनआई को बताया- ग्वालियर में डेंगू के 16 मामले सामने आए हैं। हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं”।
उन्होंंने कहा “नगर निगम के साथ समन्वय में, हम संपर्क अनुरेखण और डोर-टू-डोर सर्वे कर रहे हैं। जिन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में हमें डेंगू के सबसे अधिक मामले मिले थे, उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हमारी टीम निगरानी कर रही है और लार्वा सर्वेक्षण कर रही है। सैनिटाइजेशन और फॉगिंग कर रहे हैं। ये सब स्वच्छता कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है”।
शर्मा ने लोगों से अपने इलाके में और आसपास साफ-सफाई बनाए रखने की अपील की है, डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए क्या करें और क्या न करें, को सूचीबद्ध किया और उनसे आग्रह किया कि यदि उन्हें खुद में कोई लक्षण दिखते हैं तो खुद का टेस्ट करवाएं। ग्वालियर के सिविल अस्पताल के डॉक्टर निशांत नायक ने कहा, ‘हमारे यहां बुखार के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है, हम जांच कर रहे हैं।
सोमवार को, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की विशेषज्ञ टीम बुखार के प्रकोप के बाद उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में पहुंची, उन्होंने कहा कि अधिकांश मामले डेंगू के साथ-साथ स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के कारण होते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यूपी प्रमुख को लिखे एक पत्र में कहा, “फिरोजाबाद जिले में वेक्टर सूचकांक भी हाउस इंडेक्स और कंटेनर इंडेक्स के साथ 50 प्रतिशत से अधिक पाए गए और तदनुसार वेक्टर निगरानी और नियंत्रण उपाय स्थापित किए गए हैं।”
भूषण ने यूपी सरकार से फिरोजाबाद में बीमारी फैलने के बाद केंद्रीय टीम की विस्तृत टिप्पणियों के आधार पर डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के सभी बुखार के रोगियों की जांच करने को कहा।