लगातार बढ़ रहे बुखार के प्रकोप के बीच बुखार से पीड़ित कई मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेशन घटने की बात भी सामने आई है। बच्चों में बुखार के दौरान ऑक्सीजन लेवल कम देखकर अभिभावक चिंता में पड़ रहे हैं। कुछ लोग तो तीसरी लहर का प्रकोप मानकर घबरा रहे हैं। डॉक्टरों ने इसे लेकर घबराने के बजाय सजग रहने की जरूरत बताई है।
कोरोना काल में घर पर ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करने की जागरूकता बढ़ी है। जिज्ञासा नर्सिंग होम के डॉ.सीपी सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन सैचुरेशन सामान्य से थोड़ा कम मिलने पर एकदम से घबराएं नहीं। फेफड़ों में एलर्जी के चलते ऑक्सीजन लेवल सामान्य से थोड़ा कम आ सकता है, लेकिन, अगर तीन-चार दिन तक यह लगातार कम आए तो जांच जरूरी हो जाती है।
बत्रा नर्सिंग होम के डॉ.नितिन बत्रा ने बताया कि कम ऑक्सीजन सैचुरेशन धूम्रपान करने वाले लोगों को होने वाली सीओपीडी की बीमारी का एक साइलेंट लक्षण हो सकता है। ऑक्सीजन लेवल 90 से कम होना गंभीर है क्योंकि, यह हार्ट अटैक की शुरुआत का संकेत भी हो सकता है। बालरोग विशेषज्ञ डॉ.वीएस दीक्षित ने बताया कि बुखार में बच्चों का ऑक्सीजन लेवल घटने पर कई अभिभावकों ने अपनी चिंता बताई, लेकिन, उन्हें इसे लेकर ज्यादा नहीं घबराने की सलाह दी। ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 से 99 सामान्य माना जाता है।
नैलपॉलिश लगी होने पर कम आता है ऑक्सीजन लेवल
कुछ स्थितियों में पल्स ऑक्सीमीटर की फॉल्स रीडिंग आने को लेकर भी डॉक्टरों ने सजग रहने की जरूरत बताई। डॉ.नितिन बत्रा ने बताया कि महिलाओं के नैलपॉलिश लगी होने पर पल्स ऑक्सीमीटर ऑक्सीजन सैचुरेशन कम दिखा सकता है। किसी समय हाथ ठंडे होने, अंगुली के बजाय अंगूठे में पल्स ऑक्सीमीटर लगा देने से भी ऑक्सीजन सैचुरेशन की रीडिंग गलत आ सकती है। रात को सोते समय शरीर का ऑक्सीजन और पल्स लेवल अपेक्षाकृत घट जाता है। इसलिए इसे लेकर भी घबराने की जरूरत नहीं है।