गाजियाबाद पुलिस ने मुरादनगर के पाइप लाइन क्षेत्र में बंद पड़े एक मकान के बेसमेंट में अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके असलहा बनाने वाले पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। इनमें एक महिला भी शामिल है। साथ ही उनके पास से 32 बोर की पांच पिस्टल, 30 बोर के 32 कारतूस, 32 बोर के 45 कारतूस, 20 अधबनी पिस्टल, 32 बोर की 55 बैरल, 17 स्लाइडर, 13 मैगजीन, 25 रिकॉर्डिंग स्प्रिंग, 250 मैगजीन स्प्रिंग, 10 अधबनी मैगजीन, भारी मात्रा में पिस्टल बनाने के उपकरण व अवैध पिस्टल बेचकर कमाए डेढ़ लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस दो और आरोपियों की तलाश में जुटी है। वहीं, एसएसपी ने इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ने वाले पुलिस कर्मियों को 25 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कई दिनों से लोहे के पाइप इस क्षेत्र में सप्लाई हो रहे हैं। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस टीम ने इस क्षेत्र की निगरानी की और एक बंद घर में पाइप आते मिले। फिर पुलिस ने इस बंद घर में दबिश दी और घर की तलाश ली। तलाशी के दौरान घर में बेसमेंट मिला। पुलिस बेसमेंट में पहुंची तो और अंदर अवैध हथियार बनाने का काम चल रहा था। यहां भारी मात्रा में तैयार पिस्टल, कारतूस और पिस्टल बनाने का सामान, औजार आदि मौजूद थे। पुलिस को यहां हथियार बनाने वाले पांच लोग भी मिले। जिन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि बताया कि गिरफ्तार किए गए गिरोह के मोहम्मद मुस्तफा उर्फ मुसरा, मोहम्मद सालम आलम, मोहम्मद कैफी आलम सलमान उर्फ आसिफ मुरादनगर के रहने वाले है, जबकि पकड़े गए सलमान और जहीरूद्दीन की पत्नी असगरी मेरठ के रहने वाले हैं। वहीं, मेरठ का 25 हजार का इनामी बदमाश जहीरुद्दीन इसका मास्टरमाइंड है और फैय्याज निवासी मुरादनगर के साथ फरार है। एसएसपी ने इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ करने वाले पुलिस टीम के सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार, सनव्वर अली, सचिन कुमार, संजीव कुमार शर्मा, श्रीलाल, नरेंद्र सिंह और दीपेश कुमार व महिला सब-इंस्पेक्टर पूनम को बधाई दी है।
एक दिन में पांच पिस्टल बनाते थे
उन्होंने बताया कि एक मकान को किराये पर लेकर उसके बेसमेंट में अवैध तमंचा व पिस्टल बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। यह लोग रोजाना पांच पिस्टल बनाकर तैयार कर रहे थे, जबकि इनकी महीने में 150 से ज्यादा अवैध तमंचे बनाने की योजना थी। इस फैक्ट्री में काम करने वाले चार कारीगर मुंगेर बिहार के रहने वाले हैं जो मुरादनगर में चल रही फैक्ट्री को संचालित कर रहे थे। पुलिस की मानें तो यह गिरोह अब तक हजारों की संख्या में हथियार बना चुका है।
कई राज्यों में कर रहे ऑन डिमांड सप्लाई
पुलिस के अनुसार, पकड़ा गया गिरोह ऑन डिमांड अवैध हथियारों की सप्लाई करता था। यह दिल्ली-एनसीआर के साथ ही कई अन्य प्रदेशों में भी हथियारों की तस्करी करते थे। इससे जो पैसा जमा होता था उससे नया माल तैयार करके अन्य अपराधियों तक पहुंचाने का काम किया करते थे। पुलिस ने इनके पास से जितने बने और अधबने हथियार तैयार हुए हैं उसको लेकर अधिकारियों का दावा है कि उससे कई गुना अधिक संख्या में यह अब तक सप्लाई कर चुके हैं।
इंटेलिजेंस फेल, छह महीने से चल रही थी फैक्ट्री
सूत्रों का कहना है कि मुरादनगर थानाक्षेत्र में यह अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री करीब छह महीने से चल रही थी, लेकिन इस मामले में पुलिस को कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्षेत्र में अवैध हथियारों की फैक्ट्री चलती रही और यहां पर तैयार अवैध हथियार दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों में सप्लाई भी होते रहे, लेकिन पुलिस और इंटेलिजेंस को इसका पता तक नहीं चला।