सुपरटेक एमरॉल्ड मामले में अब नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। 2004 से 2012 तक तैनात रहकर नियमों को नहीं मानने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा बिल्डर के खिलाफ भी प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने के निर्देश दिए। शासन स्तर पर विशेष जांच समिति गठित की। उक्त प्रकरण की गहन जांच कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई कर आपराधिक केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
बिल्डर को जमीन का आवंटन करने से लेकर उसके नक्शे पास कराने तक का काम नोएडा प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग व नियेाजन विभाग करते हैं। इस मामले में भी नियोजन विभाग में रिवाइज्ड नक्शे को अनुमति देने से लेकर कई बिंदुओं पर बिल्डर का साथ दिया। आरडब्ल्यूए वालों की नोएडा प्राधिकरण ने सुनवाई नहीं की। अब सुपरेटक एमरॉल्ड के संबंधित दोनों टावर गिराने का आदेश मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया। इन दोनों टावर के बनने के लिए बिल्डर के साथ-साथ नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने इनको बनाने की अनुमति दी। ऐसे में इनके खिलाफ भी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो मंगलवार को कोर्ट का आदेश आते ही उस समय तैनात रहे संबंधित अधिकारियों की सूची नोएडा प्राधिकरण में बननी शुरू हो गई है। इनकी विभागीय जांच के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश सरकार को संबंधित अधिकारियों को सूची भेज कार्रवाई की जाएगी।
आरडब्ल्यूए को संधोशित नक्शा देने से मना किया
नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों पर किस तरह से मेहरबान रहा, इस मामले में साफ-साफ नजर आता है। बिल्डर ने जब दोनों टावरों से संबंधित संशोधित नक्शा प्राधिकरण से मंजूर कराया तो आरडब्ल्यूए वालों ने इसको प्राधिकरण से मांगा। खास बात यह है कि तत्कालीन प्राधिकरण अधिकारियों ने आरडब्ल्यूए को इससे देने से मना करते हुए पहले बिल्डर से पूछने की बात कही। ऐसे में साफ-साफ है कि प्राधिकरण किस तरह से बिल्डरों के हित में काम कर रहा था।
एक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू
सुपरटेक प्रकरण में नियोजन विभाग में तैनात रहे एक अधिकारी की भी संदिग्ध भूमिका सामने आई है। नियोजन विभाग में तैनात रहे मुकेश गोयल से कोर्ट में चल रहे इस मामले में संबंधित अपडेट आला अधिकारियों को नहीं दिए। ऐसे में इनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है, जल्द कार्रवाई हो सकती है। रितु माहेश्वरी, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि दोनों एसीईओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी गई है। जो भी इस प्रकरण में दोषी होंगे, उनके खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। बिल्डर के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन प्राधिकरण करेगा।