महाराष्ट्र की शिवसेना नेता भावना गवली के सात ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा है। वाशिम जिले से सांसद भावना के ठिकानों पर ईडी की टीम ने सोमवार को दबिश दी। 72 करोड़ रुपये कथित घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की जा रही है। दरअसल, भाजपा ने शिवसेना नेता भावना गवली पर 100 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था और ईडी में शिकायत दर्ज कराई थी।
गवली को लेकर ईडी अधिकारियों ने दावा किया कि उन्होंने छापेमारी के दौरान कुछ दस्तावेज और कुछ लोगों के बयान दर्ज किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने गवली से जुड़े एक ट्रस्ट में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में वाशिम पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। ईडी को संदेह है कि गवली, धन शोधन और 17 करोड़ रुपये के धन के गबन के साथ-साथ सरकारी अनुदान और एक परियोजना के लिए धन प्राप्त करने में अपने पद के दुरुपयोग में शामिल है।
केंद्रीय एजेंसी ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को महाराष्ट्र में तीन जगहों पर छापेमारी थी। ये ठिकाने नागपुर के डिप्टी आरटीओ बजरंग खरमाते से संबंधित हैं, जो परिवहन मंत्री अनिल परब के करीबी सहयोगी बताए जाते हैं। वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी हैं। हालांकि ईडी ने उन जगहों का खुलासा नहीं किया जहां छापे मारे गए थे।
ईडी परब को पहले समन जारी कर चुकी है और उन्हें मंगलवार को मुंबई में एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है। बता दें कि महाराष्ट्र के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) के एक निलंबित मोटर वेहिकिल इंस्पेक्टर ने मंत्री अनिल परब पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।
नासिक के आरटीओ रहे गजेंद्र पाटिल ने ईमेल के जरिए पंचवटी थाने को शिकायत भेजी थी। शिकायत के बाद मंत्री अनिल परब और अन्य के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन कर किया है। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय अनिल परब को तलब किया है। अपने ऊपर लगे आरोपों पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता परब ने कहा था कि राज्य परिवहन आयुक्त और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायत निराधार, राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को बदनाम करना है।