हरियाणा के करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज करने और करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा के एक वायरल वीडियो का मामला अब राजनीतिक रूप लेता जा रहा है। इस मामले को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया को शिकायत दी और एसडीएम और लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अपनी शिकायत में इनेलो नेताओं ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, यहां तक कि एसडीएम का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वह पुलिस को किसानों को मारने का निर्देश दे रहे हैं। राठी ने आरोप लगाया कि एसडीएम के निर्देश के बाद ही पुलिस ने शनिवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भाग लेने वाले किसानों की पिटाई की और इसमें कई किसान घायल भी हो गए हैं। उन्होंने करनाल एसडीएम और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
दो एफआईआर में 85 लोग शामिल
दूसरी ओर से करनाल में किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में राजमार्गों को कथित रूप से अवरुद्ध करने के आरोप में कैथल पुलिस ने 35 नामजद सहित कुल 85 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार इस मामले में कैथल पुलिस की ओर से दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें एक कैथल शहर में तीतराम मोड़ के पास हिसार-चडीगढ़ राजमार्ग को अवरुद्ध करने के मामले में 75 किसानों के खिलाफ और कैथा पटिलाया मार्ग को अवरुद्ध करने के आरोप में 10 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
किसानों की पहचान करने के लिए जांच जारी
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आईपीसी की धारा 147, 149, 283 और 341 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और राजमार्गों की नाकेबंदी में शामिल किसानों की पहचान करने के लिए जांच जारी है। पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीकेयू (चारुनी) होशियार सिंह गिल ने कहा कि वे इस तरह की प्राथमिकी दर्ज करके इस आंदोलन को दबा नहीं सकते हैं, उन्होंने कहा कि पुलिस को करनाल एसडीएम और पुलिस पर हमला करने में शामिल पुलिस के खिलाफ केस करना चाहिए।