हरियाणा में करनाल के बसताड़ा टोल पर शनिवार को किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सिरसा में किसानों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पुतले फूंके।
बाल भवन पर जुटे किसानों ने चौटाला के आवास के निकट भूमणशाह चौक तक मार्च किया और वहां नेताओं के पुतले फूंककर अपना रोष प्रकट किया। प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान एकता के प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह ने किया।
लखविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ नौ महीने से चल रहे किसान आंदोलन से मौजूदा सरकार डर गई है और 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर (यूपी) में प्रस्तावित किसान महापंचायत को लेकर भी सरकार घबराई हुई है।
वहीं, दूसरी ओर करनाल के उप मंडलाधिकारी एवं ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुश सिन्हा की बर्खास्तगी को लेकर हरियाणा किसान मंच की ओर से जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में तहसीलदार गुरदेव सिंह के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
किसानों पर लाठीचार्ज के खिलाफ लुधियाना में रास्ता रोको
करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में लुधियाना में भी आज किसानों ने दो घंटे ‘रास्ता रोको’ आंदोलन किया। आंदोलन में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया और इस दौरान केवल अत्यावश्यक सेवाओं वाले वाहनों के लिए रास्ता छोड़ा गया।
करनाल की घटना के विरोध में पंजाब की विभिन्न किसान यूनियनों ने आज प्रदेश के सभी हाईवे जाम करने का आह्वान किया था। इसी के तहत आज लुधियाना में फिरोजपुर हाईवे जाम किया गया। उग्राहां किसान यूनियन नेता चरण सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ‘किसान विरोधी’ रुख के कारण पार्टी नेताओं का विरोध और उनके कार्यक्रमों का बहिष्कार जारी रहेगा।
किसानों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन देकर पुलिसकर्मियों पर किया पथराव : खट्टर
वहीं, दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर की गई पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए आज कहा कि किसानों की तरफ से शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन देकर पुलिस कर्मियों पर पथराव किया गया और एक हाईवे को अवरुद्ध कर दिया गया। शनिवार को भाजपा की एक बैठक के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर करनाल की ओर बढ़ रहे किसानों के एक समूह पर कथित तौर पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं जिससे लगभग 10 लोग घायल हो गए।
बैठक के बाद शनिवार शाम करनाल में संवाददाताओं से बातचीत में खट्टर ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पहले सरकार को आश्वासन दिया था कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा। खट्टर ने कहा कि अगर उन्हें विरोध प्रदर्शन ही करना था तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होती। पहले उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन दिया था, लेकिन अगर वे पुलिस पर पथराव करेंगे, हाईवे जाम करेंगे तो पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम तो उठाएगी।
करनाल में भाजपा की बैठक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी की राज्य स्तर की बैठक थी और मैं किसान संगठनों द्वारा इसका विरोध करने के लिए किए गए आह्वान की निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन के कार्यक्रम का किसी मुद्दे पर या किसी भी कारणवश से विरोध करना तो खुद में ही अलोकतांत्रिक हैं।
हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने पहले बताया था कि सिर्फ चार प्रदर्शनकारी घायल हुए, जबकि 10 पुलिस कर्मियों को चोट आईं। उन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और उन पर हमला करने की कोशिश की। करनाल की पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह ने कहा कि हमने आंशिक तौर पर बल प्रयोग किया क्योंकि वे हाईवे जाम कर रहे थे। पुलिस पर कुछ पथराव भी हुआ। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंशिक तौर पर बल प्रयोग किया गया।