दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़िता के आत्मदाह करने के मामले में हजरतगंज पुलिस ने शुक्रवार को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें गोमतीनगर आवास से जीप पर बैठाकर हजरतगंज कोतवाली लाया गया। उनके व बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ शुक्रवार को ही एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर आत्महत्या के लिये उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर एसआईटी की जांच कमेटी की रिपोर्ट पर की गई। रिपोर्ट में बसपा सांसद अतुल राय और अमिताभ ठाकुर को दोषी पाया गया है। बसपा सांसद रेप के इसी मामले में दो साल से नैनी जेल में बंद हैं। अमिताभ को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में देर शाम अदालत में पेश किया गया, जहां प्रभारी सीजेएम सत्यबीर सिंह ने उन्हें नौ सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
बिना कुछ बताये घर से बुलाया, फिर जबरन जीप पर बैठा ले गए
रेप पीड़ता को आत्मदाह के लिये उकसाने के आरोपी सांसद अतुल राय और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में 27 अगस्त की दोपहर 1:32 पर एफआईआर दर्ज करायी गई। इसके एक घंटे बाद यानी करीब ढाई बजे ही गोमती नगर कोतवाली से पुलिस बल उनके आवास पर पहुंचा और उन्हें जबरन जीप पर बैठा कर ले आया गया। उन्हें गोमतीनगर से हजरतगंज कोतवाली ले जाया गया। कोतवाली में उनकी पत्नी नूतन ठाकुर भी पहुंच गई। उनकी इस तरह से गिरफ्तारी को लेकर पुलिस से कहासुनी भी हुई।
अमिताभ बोले-एफआईआर कॉपी दो, तब जायेंगे
इससे पहले जब गोमतीनगर पुलिस उनके घर पर पहुंची तो उन्हें एफआईआर के बारे में नहीं बताया गया। पुलिस ने उन्हें बाहर बुलाया, फिर अपने साथ चलने को कहा। उन्होंने इसकी वजह पूछी तो पुलिस पहले कुछ नहीं बोली। पर, बाद में बताया कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। उन्हें जीप पर बैठाया जाने लगा तो वह चिल्लाते हुए बोले कि पहले एफआईआर कॉपी दीजिये। वह जीप से कूदने लगे तो उन्हें पुलिसकर्मियों ने जबरन जीप में बैठा लिया और कोतवाली ले आए। डीसीपी मध्य ख्याति गर्ग ने बताया कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज की गई है। शासन से अनुमति मिलने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की गई।
जानें क्या है पूरा मामला:
सांसद अतुल राय पर वर्ष 2019 में यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा ने दुराचार का मुकदमा वाराणसी जिले के लंका थाने में दर्ज कराया था। मुकदमे के बाद सांसद ने रेप पीड़िता के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज कराये। रेप पीड़िता और उसके मामले में गवाह सत्यम ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह कर लिया था। 21 मई को गवाह सत्यम राय और 25 मई को दुष्कर्म पीड़िता की मौत हो गई। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें पीड़िता ने अतुल राय पर कई आरोप लगाये थे। साथ ही अमिताभ ठाकुर पर सांसद का सहयोग करने के लिये झूठे साक्ष्य तैयार करने का आरोप भी लगाया था। इसके बाद ही शासन ने एसआईटी गठित कर दी थी। इसमें पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष एवं डीजीपी ईओडब्ल्यू डॉ. आरके विश्वकर्मा तथा एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत हैं। इस समिति ने कुछ दिन पहले ही अमिताभ ठाकुर व तत्कालीन वाराणसी एसएसपी अमित पाठक, निलम्बित सीओ अमरेश सिंह बघेल के बयान भी दर्ज किये थे। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अमिताभ ठाकुर व अतुल राय को दोषी बताया और कई बिन्दुओं पर यह रिपोर्ट शुक्रवार को हजरतगंज पुलिस को भेजी। रिपोर्ट में एफआईआर किये जाने की संस्तुति थी जिस पर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
अमिताभ ठाकुर पर आरोप
10 नवंबर 2020 को पीड़िता द्वारा एक प्रार्थना पत्र एसएसपी वाराणसी को दिया गया था। इसमें उसने कहा था कि अमिताभ ठाकुर द्वारा आरोपी बसपा सांसद अतुल राय से रुपये लेकर न्यायालय के लिए झूठे साक्ष्य तैयार किये जा रहे हैं। पीड़िता को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उसे आत्मदाह के लिए उकसाया जा रहा है। सांसद व पूर्व आईपीएस मानसिक व शारीरिक यातनाएं दे रहे हैं।