दिल्ली हाईकोर्ट ने चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी कथित रुप से लीक करने से जुड़े धनशोधन मामले में आरोपी दिल्ली के स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने जांच एजेंसी को दो हफ्तों में अपनी स्थिति रिपोर्ट दायर करने और कथित अवैध वित्तीय लेन-देन से पत्रकार के संबंध पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
न्यायाधीश ने निदेशालय के वकील से कहा कि अपने अधिकारियों से कहिए कि वे मामले में याचिकाकर्ता के संबंध का औचित्य साबित करें। यदि उसने मुखौटा कंपनियों से धन प्राप्त किया है, तो यह एक अपराध है, लेकिन इस संबंध को साबित करने के लिए स्वीकार्य सबूत होने चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय के वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि शर्मा ने चीनी नागरिकों द्वारा संचालित एक मुखौटा कंपनी से नकद राशि ली और इस मामले में जांच जारी है।
ईडी की तरफ से कहा गया कि अपराध के संबंध में जांच जारी है। अभी तक उन्हें 48 लाख रुपये की राशि के लेन-देन के बारे में पता चला है। आरोपी शर्मा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि कथित धनशोधन मामला शासकीय गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के तहत एक पुलिस मामले के आधार पर दर्ज किया गया है। पुलिस के मामले में उनके मुवक्किल को पिछले साल जमानत पर रिहा कर दिया गया था। पीठ ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 9 सितंबर तय की है।
इससे पहले सत्र अदालत ने शर्मा की जमानत याचिका 17 जुलाई को खारिज कर दी थी। सत्र अदालत ने आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह निश्चित रूप से सबूत मिटाने और छिपाने का प्रयास करेगा। पत्रकार की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा था कि शर्मा को कई मौकों पर संदिग्ध स्रोतों से लाखों रुपये नकद में मिले और वह उक्त धन की प्राप्ति के संबंध में कोई उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा। इस मामले में अभी जांच जारी है।