दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट के कर्मी अब थाने में शिफ्ट किए जाएंगे। इनकी तैनाती थाने में कर दी जाएगी। अब ये पीसीआर की अलग यूनिट के नहीं बल्कि थाने के कर्मी माने जाएंगे। पीसीआर के सभी 8 हजार कर्मियों को राजधानी के विभिन्न थानों में तैनात किया जाएगा।
यह बड़ा फेरबदल राजधानी की पुलिस की कमान संभालने वाले पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने की है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि इन पीसीआर कर्मियों की थानों में तैनाती किए जाने के बाद थाने की पुलिसिंग में भी बदलाव किया जाएगा। अब हर थाने में लॉ एंड ऑर्डर(कानून-व्यवथा) और इनवेस्टिगेशन(जांच) की दो अलग-अलग टीमें करेंगी अलग-अलग काम करेंगी। ताकि राजधानी की कानून-व्वस्था भी बेहतर रहे और सटीक वैज्ञानिक जांच के आधार पर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाकर अपराध पर भी अंकुश लगाया जा सके।
एक सितंबर से लागू हो सकती है योजना
पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर संभवत: एक सितम्बर से पुलिस थानों में पीसीआर कर्मियों को शिफ्ट किया जाएगा। इस व्यवस्था के लागू होने से पीसीआर में तैनात पुलिस कर्मी अब थाने की ड्यूटी देंगे। वह अब पीसीआर डीसीपी की जगह जिले के डीसीपी को रिपोर्ट करेंगे। अभी तक दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट के प्रमुख स्पेशल कमिश्नर (ऑपरेशन) होते थे। वहीं ऑपरेशन यूनिट में ज्वाइंट कमिश्नर के अलावा डीसीपी पीसीआर की भी नियुक्ति की जाती थी। इस सभी को लेकर अब चरणबद्ध तरीके से नए बदलाव किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पुलिसिंग को बेहतर करने के लिए अभी कुछ और भी नए बदलाव किए जाएंगे।
थानों में अलग-अलग टीमें करेंगी काम
नई व्यवस्था के तहत थाने की कार्यशैली में बदलाव किया जा रहा है। पीसीआर कर्मियों की तैनाती के बाद जैसे ही थाने में पुलिसकर्मियों की संख्या व वाहनों में इजाफा होगा, वैसे ही कानून-व्यवस्था और अपराधिक मामलों की जांच के लिए अलग-अलग टीमें अलग-अलग इंस्पेक्टर के तहत काम करेंगी। ताकि राजधानी की सुरक्षा को और चाक-चौबंद किया जा सके और अपराध व अपराधियों पर लगाम लगाया जा सके। दिल्ली पुलिस के थानों में अलग से जांच विंग बनेगी। इंस्पेक्टर तफ्तीश मामलों की जांच करने वाली टीम का प्रभारी होगा। इंस्पेक्टर तफ्तीश व उसकी टीम लॉ एण्ड ऑर्डर की ड्यूटी नहीं करेंगी। इसके अलावा अब पुलिस थाने में एटीओ इंस्पेक्टर (एंटी टेरिस्ट ऑफिसर) व तफ्तीश (ब्रेवो) इंस्पेक्टर की तैनाती अब जिला डीसीपी ही करेंगे। अभी तक इन इंस्पेक्टर की तैनाती दिल्ली पुलिस मुख्यालय से होती है।
इमरजेंसी कॉल पर थाने के कर्मी जाएंगे
इमरजेंसी रिस्पांस नंबर (100 या 112) की कॉल पर सीधे संबंधित थाने के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचेंगे। पहले कॉल आने पर पीसीआर कर्मी मौके पर जाते थे और कॉल की जानकारी लेने के बाद संबंधित थाने को इसकी जानकारी देते थे। इसके बाद थाने के कर्मी मामले की जांच करते थे। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब सीधे थाने के कर्मी ही कॉल भी अटेंड करेंगे और उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई भी करेंगे।
क्या है दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम का ब्यौरा
– रोजाना आती हैं कॉलें पीसीआर में- करीब 22 से 23 हजार
– पुलिस कार्रवाई के लायक होती हैं कॉलें- करीब 6000
– इसमें से कितनी होती है ब्लैंक कॉल- करीब 13000
– कितनी होती हैं पूछताछ (इंक्वायरी कॉल्) से संबंधित- करीब 2000
– पीसीआर की अन्य कॉलें- किसी दूसरे विभाग व यूनिट से संबंधित होती है तो उन्हें ट्रांसफर कर दिया जाता है