एक्ट्रेस कंगना रनोट के ऑफिस में तोड़फोड़ की कार्रवाई के संबंध में गुरुवार दोपहर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा कंगना का ऑफिस गिराने के दौरान ही एक्ट्रेस के वकील रिजवान सिद्दीकी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर स्टे लगा दिया था और मामले की गुरुवार को सुनवाई करने की बात कही थी।
उधर, कंगना की बहन रंगोली पाली हिल्स इस दफ्तर पर हुई तोड़फोड़ का जायजा लेने पहुंची थी। वे यहां तोड़फोड़ से हुए नुकसान काे देखेंगी। बताया जा रहा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस मामले में मुख्यमंत्री के सलाहकार से जवाब तलब किया है। वे इस कार्रवाई की रिपोर्ट केंद्र को भी भेज सकते हैं। कंगना उद्धव सरकार पर तीखे तेवर बनाए हुए हैं। गुरुवार सुबह कंगना ने तीन ट्वीट कर शिवसेना, सीएम उद्धव ठाकरे और बीएमसी पर निशाना साधा है।
पहला ट्वीट: “जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिवसेना से सोनिया सेना बन चुके हैं, जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।”
इससे पहले गुरुवार को कंगना के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए बीएमसी की कार्रवाई को गैरकानूनी, मनमानी, दुर्भावनापूर्ण बताया था। हाईकोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया कि वह 9 सितंबर को तोड़फाेड़ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करें। बुधवार को जब तक कोर्ट का स्टे ऑर्डर आया, तब तक कंगना के ऑफिस का एक बड़ा हिस्सा गिराया जा चुका था।
सामने आया बीएमसी का दोहरा रवैया
कंगना के ऑफिस को तोड़ने से पहले सोमवार को फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के बंगले पर अवैध निर्माण को लेकर ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था। बीएमसी ने उन्हें 7 दिन का समय दिया था और कंगना को सिर्फ 24 घंटे का वक्त दिया गया। नोटिस में मल्होत्रा के बंगले में अवैध निर्माण की बात भी कही गई है।
सीएम ठाकरे और बॉलीवुड पर लगातार हमलावर हैं कंगना
अभिनेत्री कंगना बुधवार को चंडीगढ़ से मुंबई पहुंची। इसी दौरान हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। कंगना के ऑफिस को गिराए जाने के कुछ घंटे के अंदर ही ट्विटर युद्ध छिड़ गया और राजनैतिक गलियारों में भी माहौल गरमा गया। कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘उद्धव ठाकरे और करण जौहर गैंग, आओ तुम मेरे वर्क प्लेस को तोड़ दो। मेरा घर तोड़ो, फिर मेरा चेहरा और शरीर तोड़ो। मैं चाहती हूं कि दुनिया साफतौर पर देखे कि तुम क्या करोगे। मैं मरूं या जीऊं, मैं तुम्हारी बेपरवाही को बेनकाब कर दूंगी।’
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में कंगना ने कहा- ‘बीते 24 घंटे में मेरे ऑफिस को अचानक अवैध घोषित कर दिया गया। फर्नीचर और लाइट समेत सब कुछ तोड़ दिया था। अब मुझे धमकियां मिल रही हैं कि वे मेरे घर आएंगे और इसे भी तोड़ देंगे। मुझे खुशी है कि फिल्म माफिया की पसंदीदा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री पर मेरा फैसला सही था।’
राकांपा ने कार्रवाई से झाड़ा पल्ला, पवार ने कहा- मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं
बीएमसी की कार्रवाई शिवसेना सरकार पर उल्टे दांव की तरह पड़ती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना की गठबंधन सरकार में सहयोगी दल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इस विवाद से पल्ला झाड़ लिया है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से कंगना को बोलने का मौका दे दिया है। मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं। यह देखने की जरूरत है कि अधिकारियों ने यह निर्णय क्यों लिया।
कंगना के बहाने राष्ट्रपति शासन की मांग
मुंबई के कंगना के ऑफिस में हुई तोड़फोड़ के मामले को आधार बनाकार अब राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग उठाई जा रही है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति और झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। अभिनेता की बहन ने ट्वीट कर कहा,”हे भगवान! यह कैसा गुंडा राज है। इस तरह का अन्याय बिल्कुल भी नहीं सहना चाहिए। क्या राष्ट्रपति शाससन इस अन्याय का जवाब हो सकता है? चलो दोबारा राम राज स्थापित करते हैं।”
सरयू राय ने बीएमसी की कार्रवाई को जंगलराज बताया है। साथ ही महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।