कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के नागोथाने में एक 69 वर्षीय व्यक्ति की इस महामारी की वजह से मौत हो गई। राज्य में इस नए वैरिएंट से मौत का तीसरा मामला है।
डेल्टा प्लस (AY.1), डेल्टा (B.1.617.2) का एक म्यूटेशन है। यह तेजी से फैलता है। साथ ही यह घातक भी है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान महाराष्ट्र में इसकी पुष्टि हुई थी। जून में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे ‘सब्जेक्ट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया था।
पेशे से पत्रकार इस रोगी को लगभग 17 दिनों तक सिविल अस्पताल में रखा गया। यहां उनका इलाज चला। अंत में 22 जुलाई को उनकी मौत हो गई।
सिविल सर्जन डॉ सुहास माने के मुताबिक मई में मरीज को पूरी तरह से टीका लगाया गया था। डेल्टा प्लस संस्करण से जुड़ी यह महाराष्ट्र की तीसरी मौत है। पहली रत्नागिरी की 63 वर्षीय महिला थी और दूसरी मुंबई की 63 वर्षीय महिला थी।
अब तक, महाराष्ट्र ने डेल्टा प्लस संस्करण से संक्रमित 65 रोगियों को दर्ज किया है। प्रत्येक जिले को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए हर महीने 100 नमूने भेजने का आदेश दिया गया है। पत्रकार का सैंपल भी जुलाई में रायगढ़ से भेजे गए लोगों के सैंपल में शामिल था।
एक अन्य मरीज जो कि 44 वर्षीय शिक्षक हैं, भी डेल्टा प्लस संस्करण से संक्रमित पाए गए थे। अप्रैल में उन्हें पूरी तरह से टीका भी लगाया गया था। ओपीडी में उनका इलाज चला। वह बिना किसी जटिलता के ठीक हो गए।
रायगढ़ के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पाया कि पत्रकार के परिवार के चार सदस्य सहित कुल पांच लोग उनके संपर्क में आए थे। रायगढ़ के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधाकर मोरे ने कहा, “हमने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए उनके नमूने भेजे हैं। हालांकि, उनमें से किसी को भी गंभीर बीमारी नहीं थी और सभी घर पर ठीक हो गए हैं।”