कोरोना वायरस शरीर में एक बार प्रवेश कर जाए तो यह कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। संक्रमण खत्म होने के बाद भी कई तरह के असर लंबे समय तक बने रहते हैं। अब एक नई स्टडी में पता चला है कि संक्रमण से मात दे चुके लोगों की सोचने-समझने या ध्यान केंद्रित करने जैसी शक्ति भी कमजोर हो जाती है। 80 हजार से अधिक लोगों पर हुए इस अध्ययन से ये बातें सामने आई हैं।
EClinicalMedicine जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में कहा गया है कि कोविड-19 के गंभीर लक्षण झेल चुके लोगों की जब परीक्षा ली गई तो उन्हें कम अंक मिले। खासकर रीजनिंग और प्रॉब्लम सोल्विंग टास्क पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। डेटा के विस्तृत विश्लेषण से संकेत मिलता है कि सांस लेने में मदद के लिए जिन लोगों ने मैकेनिकल वेंटिलेशन का सहायता ली, उन्हें अधिक नुकसान हुआ है।
ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज लंदन से जुड़े और स्टडी रिपोर्ट के अग्रणी लेखक एडम हैंपशाइर ने कहा, ”हमारे अध्ययन में कोविड-19 के विभिन्न पहलुओं को देखा गया जो मस्तिष्क और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। विभिन्न पहलुओं को देखते हुए अनुसंधान से संकेत मिलता है कि मस्तिष्क पर कोविड-19 के कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव होते हैं जिसमें आगे पड़ताल की आवश्यकता है।”इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं की ओर से विकसित ऑनलाइन टेस्ट को आम लोगों के लिए महामारी से पहले ही खोला गया था। 2020 की शुरुआत में टीम ने किंग्स कॉलेज लंदन और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सार्स कोव-2 संक्रमण को लेकर प्रश्नावली तैयार की थी, जिससे लक्षण और हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता पर जानकारी जुटाई गई थी।