नियुक्ति की मांग को लेकर छह अगस्त से शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठे डायट डीएलएड प्रशिक्षितों ने गुरुवार को जूते चप्पल और थाली लेकर नंगे पैर सचिवालय कूच किया। जिन्हें पुलिस ने सचिवालय से पहले ही बेरिकेडिंग लगाकर रोक लिया गया। जहां पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई।
परेड ग्राउंड से शुरू हुए सचिवालय कूच को रोकने पर प्रशिक्षित बैरिकेडिंग के सामने धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में प्रशिक्षितों के प्रतिनिधिमंडल को सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, सीओ शेखर सुयाल, जूही मनराल वार्ता के लिए सचिवालय ले गए। डायट डीएलएड संघ के प्रदेश सचिव हिमांशु जोशी ने कहा कि 519 डीएलएड प्रशिक्षित सरकार की उदासीनता और अन्य संघ द्वारा दायर किये कोर्ट केस में बेवजह पिस रहे हैं। ऐसे में मजबूर होकर हमें हाथों में थाली, जूते लेकर नंगे पैर चलने को मजबूर होना पड़ा। मांगों का जल्द निस्तारण नहीं होता है तो धरना, रैली, डिप्लोमा वापसी, मंत्री घेराव जैसे कदम उठाते रहेंगे।
प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रकाश दानु ने बताया कि 70000 अभ्यर्थियों से चुनकर आये हम 650 प्रशिक्षितो को विभाग ने 2 वर्ष का प्रशिक्षण कराया जो दिसम्बर 2019 में पूरा हुआ। इसके बाद से भर्ती की मांग को लेकर गुहार लगा रहे हैं। तीन बार निदेशालय में धरना भी दिया। पर भर्ती प्रक्रिया हो ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
संघ ने कहा कि सचिवालय में शिक्षा सचिव राधिका झा से हुई वार्ता में उन्होंने डायट प्रशिक्षितों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा है कि आगामी 16 अगस्त को कोर्ट में केस की पैरवी महाधिवक्ता द्वारा की जाएगी। कोर्ट में लम्बित केस को जल्द निपटाते हुए प्राथमिक शिक्षक भर्ती पूरी की जाएगी। प्रदेश उपाध्यक्षा दीक्षा राणा ने कहा है कि जब तक प्राथमिक शिक्षक भर्ती पूरी नहीं हो जाती तब तक धरना स्थगित नहीं होगा। शिक्षा निदेशालय में धरना जारी रखेंगे।