वर्ष 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान ने गुरुवार को हत्या के प्रयास के मामले में जमानत का अनुरोध किया और दलील दी कि वह अनुमानों के आधार पर 495 दिनों से जेल में बंद है। पठान दो मामलों में आरोपी है। एक मामला हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने का है जबकि दूसरा मामला पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के दौरान रोहित शुक्ला नामक एक व्यक्ति की हत्या का प्रयास है। वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है।
आरोपी ने अधिवक्ता खालिद अख्तर के जरिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत से कहा कि शुक्ला के बयान में विसंगतियां हैं, जांच में देरी हुयी है और कथित घटना के स्थल पर उसकी मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है। अदालत ने जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। पठान के वकील ने कहा कि इस मामले में पूरी जांच अनुमान पर आधारित है और बिना किसी सबूत के और विरोधाभासी बयानों के बावजूद उसे 495 दिनों से जेल में रखा गया है।
उन्होंने अदालत से कहा कि पैर में गोली लगने से घायल शुक्ला पुलिस को दिए अपने पहले बयान में आरोपी की पहचान नहीं कर सका और बाद में पहचाना जो विसंगति को दर्शाता है। यह कथित घटना मौजपुर चौक की है। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी या सीडीआर भी उसकी उपस्थिति नहीं स्थापित करते हैं। इस मामले में पठान समेत पांच आरोपी हैं। एक आरोपी सलमान ने वकील अब्दुल गफ्फार के जरिए सबूतों के अभाव में बरी करने का अनुरोध किया है।
विशेष लोक अभियोजक अनुज हांडा ने पठान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसके फरार होने की आशंका है। उन्होंने कहा, ”ऐसी आशंका है कि आरोपी फरार हो सकता है। वह पहले भी भाग गया था और बड़ी मुश्किल से उसे पकड़ा गया।