अपने विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण बाढ़ के प्रभावितों को प्रशासन द्वारा कथित रूप से राहत नहीं दिये जाने के विरोध में मध्य प्रदेश के श्योपुर सीट से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने प्रदेश विधानसभा परिसर में मंगलवार को अपना कुर्ता फाड़ लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार को मध्य प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के तुरंत बाद सदन से बाहर निकलते ही जंडेल ने विधानसभा परिसर में अपना कुर्ता फाड़ दिया। बाद में ‘पीटीआई-भाषा से बात करते हुए जंडेल ने बताया कि उन्होंने पिछले सप्ताह उनके निर्वाचन क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ के पीड़ितों को प्रशासन द्वारा तत्काल राहत नहीं देने के विरोध में अपना कुर्ता उतारा। उन्होंने कहा कि इस भीषण बाढ़ से मेरे विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में लोग बहुत दयनीय स्थिति में जीने को मजबूर हो गये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक बाढ़ पीड़ितों को मदद नहीं पहुंचाई गई है।
जंडेल ने बताया, ”मौसम विभाग ने इलाके में पहले से ही मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन ने इससे निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किये। यह विनाशकारी बाढ़ दिन के समय आई। यदि रात के वक्त आई होती तो पूरा इलाका तबाह हो गया होता। यह उत्तराखंड जैसी त्रासदी थी। उन्होंने कहा कि मैं इन बाढ़ पीड़ितों की बात सदन में रखना चाहता था, लेकिन मुझे बोलने का समय नहीं दिया गया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर व चंबल संभागों में मूसलाधार बारिश के कारण एक अगस्त से आई बाढ़ से कम से कम 24 लोगों की मौत हुई है और हजारों लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित निकाला गया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्योपुर जिले सहित प्रदेश के ग्वालियर व चंबल संभागों में बाढ़ से हुई भयानक तबाही पर कहा था कि पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति नहीं देखी। इसी बीच, प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान के निर्देशानुसार बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित श्योपुर को स्वच्छतम शहर बनाया जायेगा। श्योपुर में सफाई का कार्य अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। आगामी तीन दिन में शहर को पूरी तरह साफ-सुथरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके बाद भी सफाई अभियान लगातार जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि श्योपुर में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से बहाल कर दी गयी है। आवश्यकतानुसार टैंकर भी लगाये गये हैं। उन्होंने कहा कि श्योपुर में क्षतिग्रस्त मकानों के सर्वे का कार्य जारी है। सर्वे के बाद पात्रतानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी। सिंह ने बताया कि श्योपुर में अत्यधिक वर्षा के कारण मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे प्रभावित परिवारों को सात राहत शिविरों में रखा गया है। जहां भोजन, पानी, बिस्तर आदि की व्यवस्था की गयी है। 20,000 खाने के पैकेट शहरी क्षेत्र में प्रतिदिन वितरित किये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी खाने के पैकेट वितरित किये जा रहे हैं।