बिहार पुलिस ने शनिवार को कहा कि प्रोपर्टी डीलर नवल किशोर सिंह को मारने की साजिश तिहाड़ जेल में रची गई। नवल किशोर शिवहर सीट से जनता दल राष्ट्रवादी (जेडीआर) उम्मीदवार का भाई था। पुलिस ने कहा कि इतना ही नहीं बिहार में हुई कम से कम तीन और हत्याओं की साजिश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित तिहाड़ जेल के अंदर रची गईं।
संतोष झा गैंग के एक सदस्य ने बिहार पुलिस को बताया कि प्रोपर्टी डीलर को मारने का प्लान विकास झा उर्फ कालिया ने बनाया था। विकास कभी खूंखार गैंगस्टर संतोष झा का करीबी था। 28 अगस्त, 2018 को सीतामढ़ी की एक अदालत में पेश होने के दौरान उसकी हत्या कर दी गई थी तब वह दो इंजीनियरों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था। उसके खिलाफ 20 मामले दर्ज थे।
पुलिस ने कहा कि कालिया ने तिहाड़ जेल के अंदर से गिरोह के अन्य प्रमुख सदस्यों विशाल झा उर्फ राजा और विजय झा से संपर्क करने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया। उसके सहयोगियों ने एक-दूसरे के साथ चैट करने के लिए फेसबुक पेज ‘बुक-ब्रो’ बनाया और कालिया इस साल फरवरी से अक्सर व्हाट्सएप का उपयोग करके उनसे बात करता था।
पुलिस ने कहा कि कन्हैया सिंह और मुकुल मिश्रा के रूप में पहचाने गए दो शार्प शूटरों को 30 जून को सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र में अपनी बाइक रोकने के लिए मजबूर करने के दौरान गोली मार दी गई थी। पहली गोली लगने के बाद हमलावरों ने करीब एक मिनट घटनास्थल पर बिताया, इसके बाद यह सुनिश्चित करने के लिए कि नवल की मौत हो गई है, उन्होंने लगातार फायरिंग की।
मुजफ्फरपुर पुलिस प्रमुख (एसएसपी) जयंत कांत ने बताया कि हत्या में शामिल सीतामढ़ी के आयुष सिंह सहित तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आयुष ने कबूल किया कि उसे राजा, अभिषेक और कन्हैया के रूप में पहचाने गए कालिया के लोगों द्वारा नवल की गतिविधियों पर नजर रखने का काम सौंपा गया था। हत्या को अंजाम देने के लिए उन्होंने मुजफ्फरपुर में मेडिकल ओवरब्रिज के पास मार्च में एक मकान किराए पर लिया था।
पुलिस ने बताया कि आयुष ने बाबुल और रघु के रूप में पहचाने गए कुछ अन्य अपराधियों का भी नाम लिया। इनके बारे में उसने दावा किया कि उन्हें नवल सिंह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए दो महीने के लिए सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जीरो माइल के पास स्थित एक चाय की दुकान पर रखा गया था।
नवल की पत्नी साधना देवी ने बाद में पुलिस को बताया कि उनके पति और बेटे को ‘बुक ब्रो’ नाम के एक फेसबुक पेज से धमकियां मिलती रहती थीं, जिसमें एके-47 की तस्वीरें होती थीं। एसएसपी जयंत कांत ने कहा कि पुलिस ने फेसबुक को पत्र लिखकर उससे धमकी देने और कथित हत्या की साजिश रचने वाले वाले पेज के बारे में जानकारी मांगी थी। एसएसपी ने कहा, ‘अभी तक करीब 10-15 की संख्या में साजिशकर्ता और शूटर फरार हैं। छापेमारी जारी है।’
एसएसपी ने खुलासा किया कि कालिया नवल के भाई और जेडीआर उम्मीदवार श्रीनारायण सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी था। जेडीआर उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राजनीतिक गठबंधन का हिस्सा था जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और बसपा शामिल थीं। 25 अक्टूबर, 2020 को विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शिवहर के हाथसर गांव में एक समर्थक के साथ श्रीनारायण की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नवल किशोर सिंह अपने भाई की हत्या का गवाह था और उसने इसका बदला लेने की कसम खाई थी।
शिवहर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष कुमार, जो वर्तमान में सारण में तैनात हैं, उन्होंने कहा कि उनकी जांच में श्रीनारायण सिंह की हत्या में विकास झा का हाथ सामने आया है। उन्होंने तिहाड़ के पदाधिकारियों को दो बार पत्र लिखकर विकास का मोबाइल नंबर मांगा था। जिसका इस्तेमाल करके उसने जेल के अंदर रहकर हत्या की साजिश रची।
पुलिस का दावा है कि नवल की हत्या की जांच के दौरान उसे वकील राजेश रंजन उर्फ मणि झा की हत्या के भी सुराग मिले हैं। वकील को 16 जून को सीतामढ़ी में गोली मार दी गई थी। वे एक स्कूल मालिक अवधेश झा के बेटे थे जिनकी 16 मई को शिवहर जिले के पूर्णहिया थाना क्षेत्र के दोस्तियां गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनका कहना है कि इन दोनों हत्याओं की योजना भी तिहाड़ जेल के अंदर ही रची गई थी, हालांकि उन्होंने इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।