महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने ऐलान किया है कि बना ओबीसी आरक्षण के वो स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होने देंगे। महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के मुद्दे का समाधान होने तक भाजपा राज्य सरकार को स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराने देगी। इससे पहले इसी साल मार्च में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि राज्य में संबंधित स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी को मिलाकर कुल आरक्षित सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है।
पाटिल ने संवाददाताओं से कहा कि ‘भाजपा की प्रदेश इकाई राज्य की महा विकास अघाडी सरकार को तब तक स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराने देगी, जब तक ओबीसी आरक्षण का मुद्दा हल नहीं हो जाता। इस सरकार की यह इच्छा है कि ओबीसी समुदाय राजनीतिक आरक्षण खो दे।’ राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने हाल ही में पांच जिला परिषदों और 33 पंचायत समितियों में उन सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की थी जो खाली हो गई थीं और सामान्य वर्ग में परिवर्तित हो गई थीं। इसके बाद से महाराष्ट्र में ओबीसी सियासत गरमा गई है और बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को लेकर आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है।
इस मुद्दे को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन भी किया था। महाराष्ट्र की राजनीति में ओबीसी ही एक समय बीजेपी का मजबूत जनाधार रहा है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण को बहाल किया जाएगा। इतना ही नहीं देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो राजनीति से सन्यास ले लेंगे।