दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हिंसा से संबंधित चार अलग-अलग मामलों में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। ताहिर हुसैन ने दिल्ली हिंसा से संबंधित चार मामलों में अपनी जमानत याचिका दायर की है।
जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा कि एक मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड में है और तीन मामलों में दर्ज की गई स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड में नहीं है। अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 18 अगस्त को सूचीबद्ध कर दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस द्वारा दायर अन्य स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाने का निर्देश दिया गया।
ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मोहित माथुर और वकील रिजवान ने अदालत से याचिका को उसी बेंच को भेजने का आग्रह किया जो पहले से ही ताहिर की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने दयालपुर थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147/148/149/427/436/120-बी में दंडनीय अपराधों के तहत ताहिर हुसैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
इस मामले के अलावा, दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई सात अन्य एफआईआर में ताहिर हुसैन का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज है और इनमें से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत दर्ज एक शिकायत की जांच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही है।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद पिछले साल 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया था।
दिल्ली पुलिस द्वारा साम्प्रदायिक दंगों को लेकर 750 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। दंगों से जुड़े मामलों में अब तक 250 से ज्यादा चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं, जिनमें कई आरोपियों को चार्जशीट किया जा चुका है।