भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के नेताओं ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के पास प्रदर्शन करते हुए सभी साप्ताहिक बाजारों को पूरी तरह फिर से खोलने की अनुमति देने की मांग की। ये बाजार कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान बंद हुए थे।
अभी दिल्ली सरकार के आदेश के अनुसार, एक नगर निगम वार्ड में केवल एक साप्ताहिक बाजार को खोलने की अनुमति है। अप्रैल में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद इन बाजारों को बंद कर दिया गया था।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता और विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में पार्टी नेता चंदगीराम अखाड़ा में एकत्रित हुए। मुख्यमंत्री के आवास की ओर मार्च करने पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया। गुप्ता ने कहा कि साप्ताहिक बाजारों को फिर से खोलना चाहिए क्योंकि ये लाखों लोगों की आजीविका का साधन हैं।
गुप्ता ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली के लगभग 2700 साप्ताहिक बाज़ारों को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब कोरोना के मामले कम होने पर लगभग सभी कुछ खोल दिया गया है तो साप्ताहिक बाजार के माध्यम से रोजी-रोटी कमाने वालों के बारे में न सोचना उनके प्रति अन्याय है। कोविड काल के बाद अब दिल्ली के बाजार और मॉल खोल दिए गए हैं और वहां स्थिति सामान्य होती जा रही है तो सप्ताहिक बाजारों को भी राहत मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन बाजारों में व्यापार करने वाले छोटे व्यापारी हैं और काम धंधा पूरी तरह से बंद हो जाने से उनके सामने घर चलाने का संकट बढ़ता जा रहा है। लोगों के खर्चे तो कम नहीं हुए हैं, उल्टे आमदनी बंद हो चुकी है।
गुप्ता ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि जब आपने पूरी दिल्ली में सब खोल दिया है तब इन साप्ताहिक बाजार लगाने वालों के साथ अछूता व्यवहार क्यों? क्या आप इन साप्ताहिक बाजार लगाने वालों को दिल्ली का निवासी नहीं मानते? क्या आपको दिल्ली की जरा भी सुध है?
जब दिल्ली में दारू की दुकानें, बाजार और मॉल खोल दिए गए हैं तो सप्ताहिक बाजार क्यों नहीं खोले जा रहे? हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री तुरंत साप्ताहिक बाजार को भी कोविड नियम के पालन के साथ लगाने की अनुमति दें। ये लाखों लोगों की रोजी-रोटी का सवाल है।