मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। मंगलवार को इस मामले की कोर्ट में सुनवाई के दौरान नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने बताया कि मनसुख की हत्या करवाने के लिए 45 लाख रुपए दिए गए थे। NIA ने इस मामले में चार्जशीट पेश करने के लिए कोर्ट से 30 दिन का समय और मांगा है।
फंडिंग का सोर्स पता लगाना अभी बाकी
मनसुख मामले में चार्जशीट पेश करने के लिए स्पेशल कोर्ट ने 9 जून को NIA को 2 महीने का वक्त दिया था। NIA का कहना है कि इस मामले में फंडिंग किसने की थी, ये पता लगाने की जरूरत है। जांच एजेंसी ने ये भी बताया कि अब तक 150 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। एक टीम ने जांच के लिए दिल्ली जाकर भी कुछ लोगों से पूछताछ की है।
NIA दो फोन की भी जांच कर रहा
मनसुख मामले में NIA ने दो फोन कब्जे में ले लिए हैं। ये फोन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन के कथित प्रमुख तहसीन अख्तर के पास से बरामद किए गए थे। अख्तर ने ये बात स्वीकार की है कि ये दोनों फोन उसी के हैं। इस बारे में NIA ने अदालत में बताया कि इन फोनों की जांच से भी कई अहम खुलासे हो सकते हैं, इसलिए कुछ और समय चाहिए।
25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मिली थी। इसके कुछ दिन बाद टेलीग्राम पर दो मैसेज भेजकर जैश-उल-हिंद नाम के आतंकी संगठन ने विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली थी। सूत्रों के मुताबिक अख्तर ने NIA को बताया है कि टेलीग्राम पर मैसेज उसने नहीं भेजे थे। वहीं NIA इस मामले में मुंबई पुलिस के एक सीनियर अफसर के खिलाफ मिले सबूतों की भी जांच कर रही है। जांच के बाद उस अफसर की गिरफ्तारी की परमिशन भी मांगी जाएगी।
मनसुख केस में अब तक इन लोगों की गिरफ्तारी हुई
मनसुख मामले में NIA अब तक मुंबई पुलिस के बर्खास्त API सचिन वझे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा, रियाजुद्दीन काजी और सुनील माणे को गिरफ्तार कर चुकी है। NIA ने पूर्व पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर को भी गिरफ्तार किया था। ये सभी आरोपी फिलहाल ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं।