उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के लक्सर में तुगलपुर से लापता जयभगवान गिरी की हत्या उसकी पत्नी ने बेटे व भाई की मदद से की थी। हत्या के बाद शव को उन्होंने गंगा में फेंक दिया था। खानपुर पुलिस ने पत्नी का गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया है, जबकि उसका बेटा व भाई फरार हैं। शव भी अभी गंगा से बरामद नहीं हो सका है। खानपुर थाने के तुगलपुर गांव के जयभगवान गिरी (42 साल) ने अपनी बेटी की शादी गढ़ मुक्तेश्वर (मेरठ) में तय की थी। 14 जुलाई में उसकी बेटी की बारात आनी थी।
इससे ठीक 24 घंटे पहले 12-13 जुलाई की रात जयभगवान घर से लापता हो गया। उसके भाई सीताराम की तहरीर पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच की, पर पता नहीं लगा। पिछले हफ्ते गुमशुदगी को अपहरण में तरमीम किया गया था। बुधवार को सीओ बीएस चौहान ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जयभगवान अक्सर पत्नी अर्चना से मारपीट करता था। 12-13 जुलाई की रात भी उसने पत्नी से मारपीट की थी। नाराज अर्चना ने अपने बेटे आलोक व भाई मोनू गिरी निवासी कोठी, थाना परिक्षितगढ़ (मेरठ) की मदद से गला दबाकर जयभगवान की हत्या कर दी थी।
इसके बाद रात में ही उन्होंने शव को गांव से थोड़ी दूर गंगा नदी में फेंक दिया था। गंगा में पानी का बहाव तेज होने से शव बह गया था। लिहाजा शव बरामद नहीं हो सका है। बताया कि अर्चना की गिरफ़्तारी हो गई है, जबकि मोनू व आलोक की तलाश की जा रही है। शव को भी ढूंढा जा रहा है। खुलासा करने वाली टीम में एसओ अभिनव शर्मा, एसआई आशीष शर्मा, एसआई कल्पना शर्मा, एसआई आशीष नेगी, जौहर सिंह व सुष्मिता रावत शामिल थे।
चल रही थी रंजिश:जयभगवान पंद्रह साल पहले तुगलपुर मे रह रहे अपने सगे बहनोई की हत्या में जेल गया था। तब से उसकी बहन के परिवार से रंजिश थी। हत्या से दो, तीन दिन पहले अर्चना ने पुलिस से मिलकर पति के सगे भांजों पर शादी में गड़बड़ करने का संदेह जताया था। पुलिस की जांच भी उसी परिवार पर केंद्रित थी। अर्चना पर उन्हें जरा भी शक नहीं था। दो दिन पहले ही घर से जयभगवान का साफा मिलने के बाद पुलिस ने पत्नी से पूछताछ की तो मामले का खुलासा कर दिया।