मॉरिशस के मुख्य द्वीप से करीब 1100 किलोमीटर दूर अगालेगा द्वीप पर भारत नौसैनिक सुविधाओं का निर्माण कर रहा है। अल जजीरा की एक रिपोर्ट में सेटेलाइट इमेज, फाइनेंशियल डेटा और जमीनी साक्ष्यों के आधार पर यह बताया गया है। इस रिपोर्ट को स्टडी करने वाले मिलिट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल निश्चित तौर पर भारतीय नौसेना द्वारा समुद्री गश्ती मिशन के लिए किया जाएगा।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के एसोसिएट फेलो अभिषेक मिश्रा ने मामले को लेकर बताया है, ‘यह भारत के लिए दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर और मोजाम्बिक चैनल में निगरानी बढ़ाने के लिए हवाई और नौसैनिक उपस्थिति है। यह कम्युनिकेशन और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया संग्रह के लिए एक उपयोगी जगह साबित होगी।’
3 किलोमीटर से लंबा रनवे बनाया गया?
साल 2018 से इस तरह की रिपोर्ट्स आ रही थी कि भारत, मॉरिशस के एक द्वीप पर सैन्य ठिकाना बना रहा है। लेकिन दोनों देशों ने इस तरह की बातों से इनकार किया है। दोनों देशों ने लगातार कहा है कि द्वीप पर जारी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स स्थानीय लोगों की बेहतरी के लिए है। लेकिन सेटेलाइट तस्वीरें बताती हैं कि मॉरिशस के मुख्य द्वीप से करीब 1100 किलोमीटर दूर अगालेगा द्वीप पर दो बड़े जेटी और एक 3 किलोमीटर से लंबा रनवे का निर्माण किया गया है।
हिंद महासागर में भारत का एकछत्र राज?
मिलिट्री एनालिस्ट बता रहे हैं कि भारत, हिंद महासागर में अपने अपर-हैंड को नहीं खोना चाहता है। हाल के दिनों में हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल को देखते हुए भारत ने मॉरिशस में नौसैनिक अड्डा बनाकर अपनी स्थिति और बेहतर कर ली है।
अल जजीरा की रिपोर्ट को लेकर मॉरीशस सरकार ने कहा है कि मॉरिशस और भारत के बीच अगालेगा में एक सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिए कोई समझौता नहीं है। भारत सरकार ने अब तक इस रिपोर्ट पर कुछ भी नहीं कहा है।