महाराष्ट्र में भले ही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन महाविकास अघाड़ी के अटूट होने के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं दिखता। मंगलवार को शिवसेना के दिग्गज नेता रहे अशोक शिंदे को कांग्रेस ने शामिल करके इस बात के संकेत भी दिए। तीन बार के विधायक और पूर्व मंत्री अशोक शिंदे ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया। लंबे समय से शिवसैनिक रहे शिंदे का कांग्रेस में जाना उद्धव ठाकरे और शिवसेना के लिए झटका माना जा रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरणों का भी इससे संकेत मिलता है।
बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पहले भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव और नगर निकायों में अपने दम पर मैदान में उतरेगी। वहीं शिवसेना और एनसीपी की ओर से उनकी इस राय पर आपत्ति भी जाहिर की जा चुकी है। यही नहीं नाना पटोले ने तो बीते दिनों यह भी कहा था कि उद्धव ठाकरे और एनसीपी उन पर नजर रखते हैं। वे कांग्रेस के विस्तार से डरे हुए हैं। इस पर शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। इस पर बैकफुट पर आई कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने सफाई देते हुए उद्धव ठाकरे को पीएम मैटीरियल करार दिया था।
पटोले के बयान पर विवाद के बाद बैकफुट पर आ गई थी कांग्रेस
चव्हाण ने कहा था कि नाना पटोले प्रदेश अध्य़क्ष के तौर पर काम देख रहे हैं। ऐसे में उनकी चिंता राज्य में पार्टी को मजबूत करना है। इसलिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाने के लिए वह इस तरह की टिप्पणियां करते रहते हैं। वहीं इस बीच एक खबर है कि राहुल गांधी ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के काम को समझने की इच्छा जताई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया कि राहुल गांधी ने सोमवार को मुलाकात में कहा कि वह बालासाहेब ठाकरे के काम करने के तरीके और शिवसेना के बारे में जानना चाहते हैं। इसके लिए वह महाराष्ट्र का दौरा भी करेंगे।