सुपारी लेकर हत्या करने के आरोप में पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर से 40 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान मुकेश चोपड़ा के रूप में हुई है जो अशोक नगर का रहने वाला है।
पुलिस ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिचाऊं कलां निवासी मुख्य आरोपी साहूकार मनोज ने कस्टम क्लीयरेंट एजेंट के तौर पर काम करने वाले 38 वर्षीय गौतम कोहली की हत्या के लिए मुकेश चोपड़ा को पैसे दिए थे।
पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला है कि पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन का रहने वाला मृतक गौतम कोहली कर्ज में फंसा हुआ था और उसने साहूकार से 20 प्रतिशत ब्याज दर पर 25 लाख रुपये उधार लिए थे।
उन्होंने बताया कि जब कोहली उधार की रकम वापस करने में विफल रहा तो मनोज ने शुरू में उसे धमकी दी और बाद में उसे मारने की योजना बनाई और पीड़ित की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए मुकेश को काम पर रखा। कुछ दिन बाद में हरियाणा के सोनीपत जिले में गौतम कोहली का शव मिला था, जिस पर गोलियों के निशान थे।
शव पर थे छह गोलियों के निशान
पुलिस के अनुसार, कोहली के पिता ने 30 जुलाई को सुभाष नगर पुलिस चौकी में सूचना दी थी कि सोनीपत पुलिस को खरखौदा-बहादुरगढ़ मुख्य सड़क के किनारे उनके बेटे का शव मिला है। उन्होंने कहा कि किसी ने उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी और शव पर छह गोलियों के निशान मिले थे। पुलिस ने बताया कि कोहली के पिता ने आखिरी बार 29 जुलाई को रात 8.13 बजे उससे मोबाइल फोन पर बात की थी, जबकि उसकी पत्नी ने रात करीब साढ़े आठ बजे उससे बात की थी।
रकम लौटाने के लिए धमका रहा था मनोज
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) उर्वीजा गोयल ने कहा कि जब परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई तो पता चला कि कोहली कर्ज में डूबा हुआ था और उसने मनोज से पैसे उधार लिए थे। डीसीपी ने कहा कि वह कर्ज चुकाने में असमर्थ था, इसलिए मनोज उसे लगातार धमका रहा था। उन्होंने कहा कि मनोज का मोबाइल नंबर घटना के बाद से बंद पाया गया। जांच में पता चला कि कोहली को आखिरी बार सिंह चिकन कॉर्नर, जेल रोड, हरि नगर में देखा गया था, जहां वह नियमित रूप से आता-जाता था और वह रात 10.15 बजे वहां से चला गया था। टेक्नीकल सर्विलॉन्स से पता चला कि मनोज भी रात साढ़े दस बजे तक उसी रेस्टोरेंट के पास मौजूद था।
गौतम पर नजर रखता था मुकेश
पुलिस ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट किलर आरोपी मुकेश, मनोज के नियमित संपर्क में था और सीसीटीवी विश्लेषण व जांच में पता चला कि मुकेश भी 29 जुलाई को उसी रेस्तरां में मौजूद था। डीसीपी ने कहा कि पूछताछ के दौरान मुकेश ने खुलासा किया कि उसे मनोज ने कोहली की आवाजाही के बारे में जानकारी देने के लिए काम पर रखा था और उसे इस काम के लिए नकद भुगतान किया गया था। उसने 10 दिन तक कोहली की आवाजाही पर नजर रखी और मनोज को सारी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 29 जुलाई की रात करीब सवा दस बजे जब गौतम कोहली सिंह चिकन कॉर्नर के बाहर निकलकर एक ऑटो-रिक्शा में सवार हुआ तो मुकेश ने एक अन्य सहयोगी के साथ तुरंत यह सूचना मनोज को दी, जो तीन अन्य सहयोगियों के साथ वहां मौजूद था और सभी ने दो अलग-अलग दुपहिया वाहनों पर उसका पीछा करना शुरू कर दिया।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ दूरी पर उन्होंने उसे ऑटो-रिक्शा में दबोच लिया और उसे अज्ञात स्थान पर ले गए और फिर सोनीपत में उसकी हत्या कर दी। मनोज समेत बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, जिन पर नजफगढ़ थाने में हत्या व हत्या के प्रयास के दो मामले दर्ज हैं।