आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) ने कहा, ‘भारत में लोकतंत्र है, जो जनता चाहती है, वही होता है. अभी हालात ऐसे नहीं हैं कि परीक्षा हो क्योंकि कोरोना चरम पर है. लोगों को जान बचाना मुश्किल हो रहा है. सरकार के पास स्वास्थ्य सुविधा नहीं है लेकिन सरकार तानाशाही पर उतर आई है, जो NEET और JEE की परीक्षाएं करवा रही है. अभी हमें लोगों की जान बचानी चाहिए. लोगों की जानें जाएंगी, मैं इसके खिलाफ हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार निजीकरण कर रही है. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. यूपी में अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है. जब ठोस कार्रवाई नहीं होगी और जाति और धर्म देखकर कार्रवाई होगी तो अपराध बढ़ेगा. बीजेपी के नेता खुद अपराध कर रहे हैं और इनको संरक्षण मिल रहा है. इससे अपराध को बढ़ावा मिल रहा है. जनता परेशान है. कोई बेटी डर की वजह से घर से बाहर निकलने में डरती है. जब व्यक्ति अपने लोगों के हाथ नहीं पकड़ता तो किसी के पैर पकड़ता है. अगर उन्होंने बहुजन का काम किया होता तो ऐसी नौबत ही नहीं आती. मूर्ति बनाने से देश और प्रदेश का भला नहीं होगा.’
आजाद ने कहा, ‘जैसे आज सरकार डिपार्टमेंट खत्म कर रही है, रोजगार खत्म कर रही है, युवाओं के सपने मर रहे हैं. अब जाति और धर्म की राजनीति हो रही है क्योंकि लोग सरकार का विरोध न करें, उनकी हां में हां मिलाएं. बसपा ब्राह्मण के नाम पर अपना एजेंडा सेट कर रही है. अब उनको दलित और बहुजन समाज ने समर्थन देना बंद कर दिया है. अब वो उनके मुद्दे पर बात नही करती है. जनता समझ चुकी है कि ये किसी का भला नहीं करती है. हमारी पहली कोशिश अपने संगठन को मजबूत करने की है. जहां हमें लगेगा कि बीजेपी को रोकने के लिए किसी की मदद करने की जरूरत है तो करेंगे. जहां लगेगा कि बहुजन समाज को सत्ता मिल सकती है, वहां इनको भेजने का काम करेंगे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी मुख्य शत्रु बीजेपी है क्योंकि वो निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. उनके समय में अपराध बढ़ रहा है. देश कमजोर हो रहा है. देश के युवाओं के लिए बीजेपी को रोकना जरूरी है. सरकार ने मेरी जमानत रद्द कराने की अपील की है, पर मुझे कोर्ट पर भरोसा है. मैं चुप नही रह सकता हूं, अगर सरकार किसी जाति धर्म के खिलाफ गलत करेगी तो. इसके बदले में सरकार मेरे खिलाफ कितनी भी ठोस कार्रवाई करे, मुझे परेशान करे, जेल भेजे, कोई भी प्रताड़ना दे, मैं घबराऊंगा नहीं. बहुजन की लड़ाई लड़ते रहूंगा.’