महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों में आई कमी के बीच पाबंदियों में भी कुछ छूटें मिल सकती हैं। महाराष्ट्र आज यानी रविवार को राज्य भर के 25 जिलों में कोरोना वायरस से संबंधित प्रतिबंधों में ढील दे सकता है। यह घोषणा करते हुए कि सरकार ऐसा करने की योजना पर विचार कर रही है, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि अधिकारी पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने पर भी विचार कर रहे हैं।
अब तक महाराष्ट्र में में मॉल और थिएटर पूरी तरह से बंद हैं। राज्य भर में धारा 144 लागू है और सार्वजनिक स्थानों पर पांच से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं, जबकि लोगों की आवाजाही शाम 5 बजे के बाद कम से कम होना चाहिए। मौजूदा पाबंदियों की बात करें तो आवश्यक सामान बेचने वाली दुकानों को रोज शाम 4 बजे तक ही खुले रहने की अनुमति है और गैर-जरूरी से संबंधित दुकानों को केवल कार्यदिवसों में खोलने की अनुमति है। इसके अलावा, जिम और सैलून केवल शाम 4 बजे तक खुले हैं, हालांकि उन्हें एसी चलाने की अनुमति नहीं है। रेस्तरां केवल सप्ताह के दिनों में शाम 4 बजे तक खुल सकते हैं, जिसमें भी केवल टेकअवे यानी पैक करा कर ले जाने की अनुमति है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में कोरोना स्थिति की समीक्षा के लिए गुरुवार को एक बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा था कि मुंबई सहित 25 जिलों में कोरोना वायरस प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है। हालांकि, ये जिले वैसे होंगे, जिन्होंने राज्य के औसत से कम कोरोना की पॉजिटिविटी रेट और विकास दर की सूचना दी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि बाकी 11 जिलों को कोई ढील नहीं दी जाएगी, जिनकी पॉजिटिविटी रेट और कोरोना ग्रोथ रेट राज्य के औसत से अधिक है। इस मामले पर राज्य के स्वास्थ्य और राहत और पुनर्वास विभागों से एक संयुक्त प्रस्ताव मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किया गया था। इसका मतलब है कि सांगली, कोल्हापुर, सतारा, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, अहमदनगर, सोलापुर, बीड, रायगढ़ पुणे और उस्मानाबाद जिलों में कोविड -19 प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। इन सभी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की वृद्धि दर राज्य के औसत से 0.11 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि अगर जरूरत हो तो प्रशासन इन क्षेत्रों में सख्त कोरोना प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर सकता है। बता दें कि पिछले महीने डेल्टा-प्लस वेरिएंट के मामले पाए जाने के बाद महाराष्ट्र ने पांच-स्तरीय छूट योजना को तीन तक कम करके सख्त कोविड -19 मानदंड लागू किए।