अगले साल की शुरुआत में प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब और जोर पकड़ेंगी। बीती 28 जुलाई को केन्द्रीय चुनाव आयोग के साथ समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों के बाद अब राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय शुक्ल आगामी तीन या चार अगस्त को सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर चुनाव की तैयारियों को आगे बढ़ाने के लिए बातचीत करेंगे।
यूपी में फरवरी से अप्रैल तक चल सकती है चुनाव प्रक्रिया
यूपी के साथ जिन अन्य चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें से गोवा विस का कार्यकाल अगले साल 15 मार्च को, मणिपुर विस का कार्यकाल 19 मार्च को, उत्तराखंड विस का कार्यकाल 23 मार्च और पंजाब विस का कार्यकाल 27 मार्च को पूरा हो रहा है जबकि यूपी विस का कार्यकाल 14 मई को पूरा होगा। चूंकि यूपी छोड़कर अन्य चारों राज्यों में विस चुनाव मार्च में ही करवाए जाने जरूरी हैं। इस नाते यह माना जा रहा है कि इन चार राज्यों के साथ यूपी में भी विस चुनाव करवाए जाएंगे। यूपी में ज्यादा विस सीटें हैं। इसलिए यहां छह चरणों में चुनाव प्रक्रिया फरवरी से शुरू होकर अप्रैल तक चल सकती है।
इसी महीने शुरू होगा पोलिंग बूथ व मतदान केन्द्रों का चिन्हांकन
प्रदेश में चुनाव तैयारियों के तहत निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में मतदान केन्द्रों और पोलिंग बूथों के चिन्हांकन और उसके बाद मतदाता सूची के पुनरीक्षण के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए अगस्त व सितम्बर में चलाए जाने वाले अभियान में पोलिंग बूथ व मतदान केन्द्र में बदलाव के दौरान बुजुर्गों, दिव्यांगों की सुविधा आदि के बारे में देखा जाएगा।
अक्तूबर से शुरू होगा वोटर लिस्ट पुनरीक्षण
इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों से भी सुझाव व आपत्तियां ली जाएंगी और उनका निराकरण किया जाएगा। इसके बाद अक्तूबर से दिसम्बर के बीच वोटर लिस्ट का संक्षिप्त पुनरीक्षण का काम चलेगा। इस अभियान में इस बार महिला, युवा व दिव्यांग वोटरों को शामिल करने पर खास जोर रहेगा। इसके साथ ही पहली जनवरी 2022 को 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले नये वोटर भी शामिल होंगे। जनवरी के पहले सप्ताह में ही वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित कर दिया जाएगा।
यूपी मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने बताया जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर सुझावों और उनको दिये जाने वाले निर्देशों के बारे में जल्द ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे और उनसे पोलिंग बूथ व मतदान केन्द्रों की स्थिति के बदलाव में बारे में सुझाव और आपत्तियां लेंगे। उसके बाद आयोग के आदेश मिलने पर वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू होगा, कोशिश पूरी यही रहेगी कि कोई भी अर्ह वोटर छूटने न पाए।