शुरुआत से ही विवादों में रहने वाले निर्माणाधीन द्वारका एक्सप्रेस-वे की स्लैब में फिर से दरार आ गई है। दौलताबाद चौक से खेड़की दौला की तरफ जाने वाले मार्ग पर एक्सप्रेस-वे के पैकेज तीन में निर्माणाधीन एलिवेटेड हिस्से के पिलर नंबर 174 और 175 के बीच डली स्लैब में यह दरार आई है। इसके गिरने का भी खतरा बना हुआ है। दरार आने के बाद निर्माण कंपनी ने शनिवार शाम को हरा पर्दा लगाकर ढंकने का काम शुरू कर दिया।
यह दरार शनिवार को ही लोगों द्वारा देखी गई। इस बारे में निर्माण कंपनी के कर्मचारी चुप्पी साधे हुए हैं। इससे पहले इसी साल 28 मार्च को पैकेज 3 के ही पिलस नंबर 107 और 109 के बीच दो स्लैब अचानक भरभराकर गिर गई थीं। उसके नीचे दबने से तीन मजदूर घायल हो गए थे। घटना में किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने कमेटी गठित कर घटना की जांच के आदेश दिए थे। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार, उस मामले की जांच रिपोर्ट हाल ही में कमेटी को सौंपी गई है। इस पर मंथन किया जाना बाकी है। उसके बाद ही पता चल पाएगा कि रिपोर्ट में कमेटी ने क्या निष्कर्ष निकाला है। इस बीच एक बार फिर स्लैब में दरार आना अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।
पैकेज-3 में चार महीने से एलिवेटेड हिस्से पर बंद है काम
मार्च में स्लैब गिरने की घटना के जांच रिपोर्ट न मिलने की वजह से एनएचएआई ने निर्माण कंपनी को एलिवेटेड हिस्से में काम करने की अनुमति नहीं दी थी। बीते चार महीने से पैकेज-3 में एलिवेटेड हिस्से का काम बंद पड़ा है। एनएचएआई की अनुमति पर एलिवेटेड हिस्से के नीचे सर्विस रोड पर काम जारी है। दोनों घटनाओं में सामान्य बात यह है कि दोनों जगह लॉन्चर लगाने के बाद दरारें आई हैं।
मार्च में किया था निरीक्षण
एनएच-8 पर दिल्ली में शिव मूर्ति के पास से वाया सेक्टर-21 के पास से होते हुए खेड़की दौला तक बन रहे करीब 29 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेस-वे का इसी साल चार मार्च को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने निरीक्षण किया था।
”कंपनी ने बताया है कि वह गार्डर डालकर टेस्ट कर रहे थे कि बार-बार स्लैब में दरार क्यों आ रही है। पूरी सावधानी के साथ टेस्ट किया जा रहा है।” -निर्माण जंभुलकर, परियोजना निदेशक, एनएचएआई