इंदौर के शराब माफिया के राजदार की आज सुबह संदिग्ध हालत में मौत हो गई। मुख्य आरोपी विदुर नगर निवासी राहुल तायड़े उर्फ बंटी आधी रात को द्वारिकापुरी थाने में सरेंडर करने पहुंचा था। सुबह उसकी अचानक मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि आरोपी थाने के बाहर ही था और उसे उल्टियां होने लगीं। वह बाहर से ही जहर खाकर आया था। उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां उसकी मौत हो गई। दरअसल, बंटी वही शख्स है, जिसने इंदौर में सपना और पैराडाइज बार में रॉयल स्टैग ब्रांड के नाम पर जहरीली शराब सप्लाई की थी। मामले में फिलहाल मजिस्ट्रियल जांच के आदेश नहीं हुए हैं। पुलिस कस्टडी से बाहर मौत बता रही है। ऐसे में CCTV कैमरे और गिरफ्तारी से जुड़ी कार्रवाई की छानबीन प्रशासन करा सकता है। साथ ही ड्यूटी पर तैनात लोगों के बयान भी दर्ज किए जा सकते हैं। फिलहाल इस पर राहुल के परिवार वालों की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
दोनों बार में जो जहरीली शराब परोसी गई थी। उसमें राहुल का नाम सामने आया था। राहुल कई सालों से पप्पू खटीक नाम के शराब तस्कर के संपर्क में था। शहर में पप्पू खटीक शराब ब्लैक करने वाला एक बड़ा तस्कर है। पप्पू के खिलाफ इंदौर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कई मामले दर्ज हैं।
पिता की अस्थियां लेकर गया था खेड़ी घाट
सूत्रों की माने तो राहुल के पिता का निधन 2 दिन पहले हुआ था। तीसरे के कार्यक्रम के दौरान राहुल अपने पिता की अस्थियां लेकर ओंकारेश्वर के खेड़ी घाट गया था। उसी वक्त उसे सूचना मिली कि पुलिस ने जहरीली शराब को लेकर घर पर दबिश दी है और परिवार के कुछ लोगों को थाने लेकर गई है। इसके बाद राहुल ने मैसेज पहुंचाया कि परिवार के लोगों को छोड़ने के बाद ही वह थाने पहुंचेगा। शुक्रवार देर रात राहुल ने पहले महू नाके पर सल्फास खाया और उसके बाद थाने में जाकर पेश हो गया था। थाने पहुंचने पर जब पुलिस कर्मियों को यह मालूम पड़ा कि राहुल की तबीयत खराब हो रही है। तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
मौत के पीछे कोई ओर तो नहीं?
सूत्रों की मानें तो राहुल इस जहरीली शराब कांड का अहम कड़ी था जो आगे के सप्लायर की जानकारी दे सकता था। राहुल के दोस्तों की मानें तो एक शक यह भी जा रहा है कि राहुल को पहले ही आगे के व्यापारियों ने जहर खिलाकर भेज दिया हो। राहुल यदि पुलिस के सामने इन कड़ियों को खोल देता तो कई बड़े ब्लैक शराब के सप्लायर पुलिस की गिरफ्त में होते। पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध हो गई है।