बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला ने गुरुवार को उच्च न्यायालय से अपनी उस याचिका को वापस ले लिया, जिसमें 5जी वायरलेस नेटवर्क के खिलाफ उनका मुकदमा खारिज किए जाने के आदेश में संशोधन की मांग की गई थी। मामले की सुनवाई शुरू होते ही अभिनेत्री की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि वह अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं। साथ ही कहा कि आदेश में संशोधन के बजाए अपीलीय न्यायालय में अपील दाखिल करने की स्वतंत्रता चाहते हैं।
जस्टिस जयंतनाथ ने सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद चावला को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। साथ ही याचिका को वापस मानते हुए खारिज कर दिया। न्यायालय ने चावला को 5जी नेटवर्क के खिलाफ उनका मुकदमा खारिज करने के फैसले के खिलाफ अपीलीय न्यायालय में उचित समाधान प्राप्त करने की स्वतंत्रता दे दी।
चावला की ओर से अधिवक्ता दीपक खोसला ने याचिका में कहा था कि 5जी नेटवर्क के खिलाफ उनके मुकदमे को खारिज करने के आदेश में संशोधन की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि मुकदमा को खारिज घोषित करने की बजाय अस्वीकार्य घोषित किया जाए। अभिनेत्री की ओर से अधिवक्ता खोसला ने कहा कि उनके मुवक्किल का वाद ‘मुकदमे के स्तर तक कभी नहीं पहुंचा’ और उसे केवल दीवानी प्रक्रिया संहिता के तहत अस्वीकार या वापस किया जा सकता है, लेकिन खारिज नहीं किया जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने 5जी वायरलेस नेटवर्क तकनीक के खिलाफ चावला की ओर से दाखिल याचिका को अदालत ने कानूनी की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए खारिज कर दिया था। साथ ही उन पर 20 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था। न्यायालय ने कहा था कि अभिनेत्री ने याचिका में 5जी नेटवर्क तकनीक के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरों के बारे में सवाल उठाया है, जो सुनवाई योग्य नहीं है।